डॉ. परमजीत ओबेराय II ‘देखा, कैसे सारा कम अपने आप और जल्दी से कर लेती है?’रीटा के माता-पिता बहुत...
कहानी
आज मेरी सुबह हुई है…
राधिका त्रिपाठी II उसके इस अचानक फैसले से पूरा परिवार सकते में आ गया। किसी को कुछ पता नहीं था कि...
कुछ रिश्ते बिना रिश्ते के
राधिका त्रिपाठी II बेहद साधारण नैन-नक्श। कुछ खास पहचान नहीं। बस घरेलू सी। वह सुबह से लेकर शाम तक...
मुर्दा रिश्ते
राधिका त्रिपाठी II एकाएक उसे लगा कि उसके पैरों तले जमीन खींच ली हो किसी ने। तिनका-तिनका बटोर कर...
… और सुबह हो गई
वंदना सहाय II ‘एस्क्यूज मी’ कहती हुई एक महिला की कोमल आवाज ने बरखा के तेज चल रहे कदमों को सहसा...
कहानी : तुम लौट आओ ना…
राकेश धर द्विवेदी II नीले आकाश में बादलों और सूरज के बीच ट्वेंटी-ट्वेंटी का मैच चल रहा था। कभी...
महानगर का जीवन दर्शन
राकेश धर द्विवेदी II वातानुकूलन से कुछ अधिक महसूस हो रही ठंडक ने उसे कंबल खींचने पर मजबूर किया।...
उसे थी राम की प्रतीक्षा
राधिका त्रिपाठी II उसकी लाश लाल रंग की साड़ी में लिपटी हुई थी। आधा बदन जस का तस दिखाई दे रहा था।...
उपेक्षिता बन कर रह गई वो
राधिका त्रिपाठी II मोही अर्थात मोह लेने की अदा। जैसा नाम वैसी ही अदाएं। शायद ही आफिस में ऐसा कोई...
बूमरैंग
अपराजिता अनामिका II रसोई से आती आवाजों ने निशा की नींद मे खलल डाल दी थी । अपना गाऊन लापरवाही से...
कजरी का मूक प्रेम
राधिका त्रिपाठी II तब प्यार होता था। मगर मन में दबा कर रह जाती थीं लड़कियां। उस उम्र में कजरी का...
ये दुनिया मिल भी जाए तो क्या है….
संजय स्वतंत्र II लालकिले पर आजादी का जश्न मनेगा। इसे देखने मैं स्कूल के दिनों में जाया करता था। तब...