राकेश धर द्विवेदी II कोयल अब कूं-कूं नहीं करतीगौरेया भी नहीं फुदकती दिखतीन ही सुनाई देतीमैना की...
कविता
भूल जाती हूँ सारे ग़म
वीणा कुमारी II जब पेड़ के पत्तों सेटप टप टपकती हैबारिश की बूंदेंतो निहारती रहती हूं उसेऔर भूल जाती...
जब समय मिले
केदारनाथ सिंह II आनाजब समय मिलेजब समय न मिलेतब भी आना आनाजैसे हाथों मेंआता है जांगरजैसे धमनियों...
मां बताती रही हमेशा
अमनदीप ‘विम्मी’ II जवान होने पर मां मुझ पर कड़ी नजर रखती थीवो नहीं चाहती थी किमैं देखूं गुलाब...
पृथ्वी यात्रा पर है
डा. राजीव सक्सेना II पृथ्वी पर्व यात्रा पर है,औरतुम स्वागत नहीं करोगे!उन्मादकारी पवनदशों दिशाओं...
‘चाय की प्याली’
संगीता सहाय II शहर के नुक्कड़ परचाय की दुकानमर्दों का जमघट,उंगलियों के बीच दबा सिगरेटधुएं के छल्ले...
गाँव में गुरु
गोलेन्द्र पटेल II जहाँ दिखता हैगोबर, गोहरा, गोइठा, गाज, …., धूल व धुआँऔरहर दुआर पर कुआँवह गाँव हैऔर...
जब मन ठहर जाता है हथेलियों के मध्य
प्रतिमा मौर्य ‘प्रीत’ II मेरी हथेली की पुकार को महसूस करतुम्हारी हथेली जब आ मिलीमेरी...
इंद्रिय बोध
सदानंद शाही II शब्दतुम्हारा नाम था वहजो गूंजता रहामेरे भीतर मैं आकाश हुआ। स्पर्शवह हवा की छुवन...
ये है अपना हिन्दुस्तान !
प्रो. विश्वम्भर शुक्ल II जैसे इक पिंजरे की मैना,चुप रहना, क्या बोले बैना,पहरे में अटकी है जान!ये है...
दीप क्या है?
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ II दीप क्या है , सिर्फ़ मिट्टी से बना हैयह उजालों की सही...
जब लौटे अयोध्या राम सजी रंगोली विजय की
नीता अनामिका II छल-कपट के चौसर परपासे गए सब सजचले वचनबद्ध रामराज पाट सब तज… वर्ष चौदह वनवास...