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लेखक गोस्पोडिनोव को मिला ‘टाइम शेल्टर’ के लिए बुकर पुरस्कार

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। लंदन से बुकर पुरस्कार को लेकर बड़ी खबर आई है। बुल्गारिया के लेखक जॉर्जी गोस्पोडिनोव और अनुवादक एंजेला रोडेल ने उपन्यास ‘टाइम शेल्टर’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। पुरस्कार की दौड़ में शामिल पांच किताबों को पीछे छोड़ कर ‘टाइम शेल्टर’  ने यह पुरस्कार जीता है। इतालवी के बाद इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।
बताया गया है कि 62,000 डॉलर की पुरस्कार राशि लेखक और अनुवादक के बीच बांटी जाएगी। ‘टाइम शेल्टर’ एक ऐसे क्लिनिक की कहानी है, जहां अतीत को एक प्रकार से पुनर्जीवित किया जाता है। इसकी हर मंजिल को एक अलग दशक के तौर पर दिखाया जाता है। इसका उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो डिमेंशिया यानी मनोभ्रंश से पीड़ित हैं और पुरानी बातें भूल चुके हैं, लेकिन जल्द ही आधुनिक दुनिया से बचने के लिए लोग इसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं।
इस मौके पर लेखक गोस्पोडिनोव ने कहा कि उन्होंने 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने और ब्रिटेन के ब्रेक्जिट संबंधी जनमत संग्रह के समय लिखना शुरू किया था। उन्होंने कहा कि वह समय ऐसा था जब हर ओर बेचैनी का आलम था। उन्होंने कहा, मैं अतीत के दैत्य के बारे में एक उपन्यास लिखना चाहता था।
निर्णायक मंडल की अध्यक्ष और उपन्यासकार लीला स्लिमानी ने कहा कि यह एक शानदार उपन्यास है। जॉर्जी गोस्पोडिनोव बुल्गारिया के उन लेखकों में से हैं, जिनके कई उपन्यासों का अनुवाद किया गया है। ‘टाइम शेल्टर’ के इतालवी अनुवाद ने साहित्य के लिए इटली का ‘स्ट्रेगा यूरोपीय पुरस्कार’ भी जीता है। (मीडिया में आए समाचार पर आधारित)

जॉर्जी गोस्पोडिनोव बुल्गारिया के चर्चित लेखक हैं। उनके कई उपन्यासों का अनुवाद किया गया है। ‘टाइम शेल्टर’ के इतालवी अनुवाद ने साहित्य के लिए इटली का ‘स्ट्रेगा यूरोपीय पुरस्कार’ भी जीता है। 

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