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सारा जोसफ को ‘शी द पीपल्स’ का महिला लेखक पुरस्कार

फोटो साभार-गूगल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। मलयालम लेखिका सारा जोसफ को ‘शी द पीपल्स’ का महिला लेखक पुरस्कार 2021 देने की घोषणा की गई। यह सम्मान उनके उपन्यास ‘बुधिनी’ के लिए दिया जा रहा है। उनके उपन्यास का मलयालम से अनुवाद संगीता श्रीनिवासन ने किया है। इस किताब को प्रीति गिल, जी संपत और लक्ष्मी सुबोध के निर्णायक मंडल ने अंतिम रूप से चयनित छह किताबों में से चुना है। सारा का उपन्यास बुधिनी की कथा वस्तुत: भारत को समेटे हुए है। एक ऐसा भारत जो अभी भी काफी हद तक खामोश है, जिसकी कहानियां अब भी मुख्यधारा का हिस्सा नहीं हैं। यह कहानी भारत के बारे में हमारी धारणा और समझ को समृद्ध करती है।

‘बुधनी’ के अलावा अंतिम रूप से चयनित दूसरी पुस्तकों में ‘अ मिरर मेड आॅफ रेन’ (नाहीद फिरोज पटेल), ‘ए रेड-नेक्ड ग्रीन बर्ड’ (अंबई, जीजेवी प्रसाद द्वारा अनुवादित, सिस्टरहुड आफ स्वान्स (सेल्मा कार्वाल्हो), ‘द बेगम एंड द दास्तान’ (तराना खान) और ‘वाट वी नो अबाउट हर’ (कृपा जीई) शामिल हैं।

मलयाली लेखिका के उपन्यास को पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने छापा है। सारा जोसफ ने बुधिनी एक वास्तविक घटना को केंद्र बिंदु में रख कर लिखी है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू1959 में दामोदर नदी पर एक बांध का उद्घाटन करने के लिए झारखंड गए थे। उस समय दामोदर घाटी निगम ने पंद्रह साल की बुधिनी को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए चुना था। बुधिनी ने नेहरू को माला पहनाई, जिसके लिए उसे गांव से बहिष्कृत कर दिया गया क्योंकि इसे विवाह के रूप में देखा गया था।

सारा नारीवादी कार्यों के लिए चर्चित रही हैं। वे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
( स्रोत : एजंसी इनपुट)

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Ashrut Purva

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