अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। इन दिनों जहां हिंदी में लघु कथाओं का चलन घटता जा रहा है, वहीं अंग्रेजी में लघु कथाओं की आज भी उपेक्षा नहीं हुई है। लेखक कन्नन मेनन को ही लीजिए। वे अपने पाठकों के अनुरोध को दरकिनार नहीं कर पाए और हाल में ही अंग्रेजी में लघु कथाओं का एक नया संग्रह लेकर आए।
मलयालम भाषा में कई उपन्यास और बच्चों की किताबें लिख चुके कन्नन मेनन की यह प्रस्तुति सभी पाठकों के लिए निश्चित रूप से सौगात है। उन्होंने कहा कि उनकी लघु कथाओं का संग्रह बियोंड द गोल्डन शॉवर मध्यमवर्गीय भारतीय नागरिकों के सपनों और उनके दुखों को सामने रखने का प्रयास है। इस संग्रह में कुल 13 लघु कहानियां हैं।
मलयालम लेखक के मुताबिक उनकी कहानियां बताती हैं कि कैसे सामाजिक मुद्दे और मूल्य हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। बता दें कि कन्नन मेनन कई साल से मलयालम में लघु कथाएं और उपन्यास लिख रहे हैं। उनके पाठक इनका अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं ताकि ज्यादा संख्या में लोग इन्हें पढ़ पाएं। कन्नन बताते हैं कि इसी बात ने मुझे प्रेरित किया। इसमें निजी स्वार्थ था। यही चाहते थे कि नाती-पोते इसे पढ़ पाएं, क्योंकि वे मलयालम नहीं पढ़ सकते।
लघु कहामियों के संग्रह बियोंड द गोल्डन शॉवर का अंग्रेजी में अनुवाद पीएन वेणुगोपाल ने किया है। कई बरसों से विदेश में रह रहे मेनन ने इस संग्रह में अनिवासी भारतीय किरदारों को भी दिखाया है। कन्नन केरल स्टेट जनरल इंश्योरेंस एम्प्लाइज यूनियन के संस्थापक महासचिव हैं। उन्होंने लघु कथाओं के छह संकलन, बच्चों की चार किताबें और एक संग्रहित रचना के अलावा चार उपन्यास भी लिखे हैं। उनके नए प्रयास के लिए कन्नन मेनन को शुभकामनाएं। (यह प्रस्तुति खबरों पर आधारित)
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