नई आमद

एक युद्ध नायक की कहानी है- द हीरो आफ टाइगर हिल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। एक और युद्ध नायक पर किताब आई है। यह युद्ध नायक हैं सबसे कम उम्र में भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव। इसे उन्होंने खुद ही लिखा है। पुस्तक ‘द हीरो आफ टाइगर हिल’ युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक कहानी है। इसे छापा है सृष्टि पब्लिशर्स ने। यह आत्मकथा वस्तुत : एक बहादुर सैनिक की सच्ची कहानी है, जिसने भारत के सम्मान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हुए बहादुरी से संघर्ष किया।

  •  ऐ वतन तेरे लिए
  •  सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) यादव के मुताबिक यह पुस्तक लिखने का विचार उनके जेहन में कई साल पहले आया था जब उन्हें देश के कुछ शीर्ष कॉलेजों जैसे आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-कानपुर, आईआईएम-अहमदाबाद और आईआईएम-इंदौर में आमंत्रित किया गया था …उस समय देखा कि उनके सरल लेकिन ईमानदारी से दिए गए जवाब ने छात्रों को कितना प्रभावित और प्रेरित किया। 

सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) यादव के मुताबिक यह पुस्तक लिखने का विचार उनके जेहन में कई साल पहले आया था जब उन्हें देश के कुछ शीर्ष कॉलेजों जैसे आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-कानपुर, आईआईएम-अहमदाबाद और आईआईएम-इंदौर में आमंत्रित किया गया था …उस समय देखा कि उनके सरल लेकिन ईमानदारी से दिए गए जवाब ने छात्रों को कितना प्रभावित और प्रेरित किया। उन्होंने बताया, तब मैंने अपनी यात्रा पर एक किताब लिखने का फैसला किया। इसे लिखने का उद्देश्य देश के युवाओं को प्रेरित करना और देशभक्ति की भाावना पैदा करना है।

लेखक को उम्मीद है कि उनकी किताब पाठकों को किसी न किसी रूप में राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगी। बता दें कि तीन जुलाई 1999 की रात, 19 साल के ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव को 18 ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट की घातक पलटन के साथ अभेद्य टाइगर हिल को फिर से हासिल करने के लिए एक बहुत ही अहम कार्य सौंपा गया था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। इसके लिए उन्हें सबसे कम उम्र (19 साल) में भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। (मीडिया से इनपुट)

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