अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। बढ़ती आबादी और बदलती जीवन शैली भारत में नई चुनौतियां सामने लेकर आने वाली हैं। कोरोना से एक लंबे युद्ध के बाद अब हमें कैंसर का सामना करना है। अमेरिका के विख्यात कैंसर रोग विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि आने वाले समय में भारत को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का बड़े स्तर पर सामना करना पड़ेगा। उन्होंने इससे असरदार तरीके से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित चिकित्सा तकनीक का प्रयोग करने पर जोर दिया है।
अमेरिका के ओहायो में क्लीवलैंड क्लिनिक के हेमेटोलॉजी और मेडिकल आॅन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. जेम अब्राहम ने कहा है कि कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए टीके, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डाटा डिजिटल तकनीक का विस्तार और लिक्विड बायोप्सी से निदान उन छह रुझानों में शामिल हैं, जो इस सदी में कैंसर के उपचार को नया आकार देंगे।
दरअसल, मनोरमा ईयर बुक 2023 के एक आलेख में डॉ. अब्राहम ने बताया है कि तीन दूसरे रूझान जीनोमिक प्रोफाइलिंग, जीन संपादन प्रौद्योगिकियों के विकास और अगली पीढ़ी के इम्युनोथेरेपी और सीएआर टी सेल थेरेपी का इस्तेमाल हैं। डिजिटल तकनीक, सूचना प्रौद्योगिकी व टेलीहेल्थ से मरीजों और विशेषज्ञों के बीच की खाई कम होगी। यह संभावित रूप से हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में विशेषज्ञों की देखभाल की उपलब्धता बढ़ाएगा। इसमें ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है, जहां हमारी अधिकांश आबादी रहती है।
अपने आलेख में डॉ. जेम अब्राहम कहा है कि भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि जब ये प्रौद्योगिकियां कैंसर की देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी तो इसे लाखों लोगों के लिए कैसे सस्ता और सुलभ बनाया जाए। उन्होंने चेताया कि बढ़ती आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण भारत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का बड़े पैमाने पर सामना करेगा।
अनुमान जताया जा रहा है कि जनसांख्यिकीय बदलावों के कारण 2040 में दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्या दो करोड़ 84 लाख होने की आशंका है, जो 2020 की तुलना में 47 फीसद अधिक होगी। यह संख्या वैश्वीकरण और बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़े जोखिम कारकों में वृद्धि से बढ़ सकती है। साल 2020 में दुनिया भर में अनुमानित तौर पर कैंसर के 1.93 करोड़ नए मामले आए। करीब एक करोड़ लोगों की कैंसर से मौत हो गई। (मीडिया में आए समाचार की पुनर्प्रस्तति)
जब ये प्रौद्योगिकियां कैंसर की देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी तो इसे लाखों लोगों के लिए कैसे सस्ता व सुलभ बनाया जाए।