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साहित्यकार कृष्ण बिहारी मिश्र नहीं रहे

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र का निधन हो गया। वे 90 साल के थे। पारिवार से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी। मिश्र के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक छह मार्च की रात कोलकाता में उनका निधन हुआ। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। मिश्र को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे सम्मान लेने दिल्ली नहीं जा सके थे। तब पश्चिम बंगाल सरकार के गृह सचिव ने उनके घर जाकर राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित मानद पत्र और पदक सौंपा था।    
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनके परिवार में चार बेटे और दो बेटियां हैं। कृष्ण बिहारी मिश्र का जन्म एक जुलाई 1936 को बलिया जिले के बलिहार गांव में हुआ था। साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें साल 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र को भारतीय ज्ञानपीठ की मूर्तिदेवी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस के जीवन पर आत्मकथात्मक शैली में कल्पतरु की उत्सवलीला पुस्तक की रचना की थी। मिश्र के निधन की सूचना से उनके गृह जिले में शोक की लहर है। (यह समाचार मीडिया में आई खबरों पर आधारित)

डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र को भारतीय ज्ञानपीठ की मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मिश्र ने रामकृष्ण परमहंस के जीवन पर आत्मकथात्मक शैली में कल्पतरु की उत्सवलीला पुस्तक की रचना की थी। 

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