‘अश्रुतपूर्वा’ पंजीकरण ऐक्ट के अंतर्गत एक पंजीकृत साहित्यिक संस्था है। ashrutpurva.com उसका वेब पोर्टल है जो मूलतः हिन्दी साहित्य और जीवन कौशल की विभिन्न विधाओं का संवाहक है। अश्रुतपूर्वा संस्था अपने साहित्यिक आयोजनों एवं प्रकाशन के माध्यम से समाज में मानवीय मूल्यों के विकास एवं उत्थान के लिए कार्यरत है। महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण एवं विकास के लिए विमर्श-परिचर्चाएँ, शैक्षणिक प्रशिक्षण अपनी साहित्यिक गतिविधियों के माध्यम से समय-समय पर देश-विदेश में आयोजित करने के लिए प्रयासरत है। देश दुनिया के साहित्य का अध्ययन अपने प्रकाशन एवं प्रसारण योजनाओं के माध्यमों से करते हुए साहित्यिक समृद्धि के साथ बेहतर समाज की स्थापना के लिए अश्रुतपूर्वा प्रतिबद्ध है। उत्कृष्ट साहित्य के माध्यम से समाज में अपनी संस्कृति के प्रति जागरूकता लाना अश्रुतपूर्वा का मुख्य ध्येय है।
डॉ. सांत्वना श्रीकांत: संस्थापक एवं ट्रस्टी
लिली मित्रा: ट्रस्टी
सरोज पयासी: ट्रस्टी
राजकिशोर त्रिपाठी: तकनीकी प्रबंधक
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