अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय भाषा दिवस के उपलक्ष्य में कहा कि भारत विविधता वाला देश है। तालकटोरा स्टेडियम में पिछले दिनों आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय भाषाओं के मेधावी छात्रों और शिक्षकों को देख कर उन्हें गौरव की अनुभूति हो रही है। विशाल और वैभवशाली भारत आज मेरे सामने है। आज माली और फूल एक साथ बैठे हैं। यह प्रसन्नता की बात है। पूर्व राष्ट्रपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से आयोजित भारतीय भाषा उत्सव में बोल रहे थे।
इस मौके पर उपस्थित विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो उस समय वह कोई भाषा नहीं समझता। वह सबसे पहली वही भाषा सीखता है जो मां सिखाती है। इसीलिए इसे मातृभाषा कहा जाता है। विदेश में लोगों को भारतीय भाषाएं पढ़ाई जा रही हैं। खास बात यह है कि देश और दुनिया में भारतीय भाषाओं के प्रति रूझान बढ़ा है।
इस अवसर पर डॉ. सच्चिादनंद जोशी ने कहा कि भारतीय भाषाओं पर यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। कार्यक्रम में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक, राजभाषा निदेशक डॉ. अजित कुमार और कई साहित्य और शिक्षाविद् उपस्थित थे। समारोह में एक स्मारिका का भी लोकर्पण किया गया। इस मौके पर नौ भारतीय भाषाओं के 8166 विद्यार्थियों और 742 भाषा शिक्षकों को सम्मानित किया गया।