वंदना काबरा II आखिर क्या है उन महानगरों और कांक्रीट के जंगलों में, जो हम बेटियां नहीं ब्याहना चाहते...
अभिप्रेरक (मोटिवेशनल)
उदासी ऐसे भी दूर होती है
संजय स्वतंत्र II कभी सोचा है आपने कि जब आप उदास होते हैं, तो आपके साथ कौन होता है? दोस्त, भाई...
रिश्तों को कभी परखिए मत
झिलिक दास II इन दिनों रिश्ते सहेज कर रखना बहुत मुश्किल है। इसलिए रिश्तों को लेकर बहुत कठोर मापदंड...
…और वह लौट आई काशी बन कर
राधिका त्रिपाठी II गले लगना या गले लगा लेना, दोनों ही कितना सुकून से भर देता है। दोनों को अमीम खुशी...
स्त्रियों को दीजिए अग्निपंख, वह भरेगी नई उड़ान
राधिका त्रिपाठी II अनादि काल से स्त्री संघर्ष करती आई है। वह राक्षसों से लड़ी। विजय पाई। समय आने पर...
शिक्षा और आत्मविश्वास ही नारी का शस्त्र
राधिका त्रिपाठी II स्त्री जब प्रेम के सर्वोच्च शिखर पर होती है, तब वह अपने तन पर और मन में लाल रंग...
सांध्य बेला में भी खूबसूरत हो सकती है आपकी जिंदगी
राधिका त्रिपाठी II मुंह ताकते बुजुर्ग…आंखें अंदर तक धंसी हुई। झुर्रियों से पटा हुआ चेहरा। और...
मौत से पहले जानिए क्या है सांसों की कीमत
मनस्वी अपर्णा II मेरे एक परिचित का हृदयघात से देहावसान हो गया… मैं उनके घर थी। मेरी ही तरह और लोग...
स्त्रियों… रचो अपने लिए भी एक संसार
राधिका त्रिपाठी II पेट की भूख हमें मुंह नहीं खोलने देती। माता-पिता की उम्मीदें हमें सोने नहीं देती।...
देह का दुख स्त्रियों के हिस्से ही क्यों?
राधिका त्रिपाठी II देह का दुख हमेशा स्त्रियों के हिस्से ही आया। सदियों से ऐसा होता आया है। इसकी वजह...
उत्पीड़न का सच आखिर क्यों नहीं स्वीकार करती हैं स्त्रियां
राधिका त्रिपाठी II औरतें घर में, पार्टी में, दोस्ती में, प्यार में हर जगह जरूरत होती हैं। लेकिन जब...
जरूरत में बने रिश्ते नहीं चलते दूर तक
राधिका त्रिपाठी II समाज कितना बदल गया है। आजकल लोग रिश्तों को भी नमक की तरह आवश्यकता अनुसार या कहें...