सबीहा सदफ़ II हज़ार आंधी हज़ार तूफ़ांहज़ार गर्दिश में जाम आएज़माना कितनें खिलाफ जाएहर एक वादी हर एक...
नज़्म
बशर की बस्ती
अखिल ‘ज्ञ’ ।। मैं अनगढ़, अनपढ़, अनमनामहज़ और महज़सुनना और देखना चाहता हूँ पर उस से पहले...
सबीहा सदफ़ II हज़ार आंधी हज़ार तूफ़ांहज़ार गर्दिश में जाम आएज़माना कितनें खिलाफ जाएहर एक वादी हर एक...
अखिल ‘ज्ञ’ ।। मैं अनगढ़, अनपढ़, अनमनामहज़ और महज़सुनना और देखना चाहता हूँ पर उस से पहले...