सांवर अग्रवाल II गर्मी आई गर्मी आई,पसीने अपने साथ लाई,चिप-चिप, चिप-चिप, चिप-चिप।मुन्नी देखो कैसे...
बाल कविता
अगले जन्म में फिर बनना मेरे पिता
राकेश धर द्विवेदी II याद आता हैजब मैं छह माह का थामध्यरात्रि में नन्हें हाथों सेसे जगाता था तुम्हें...
भाई का प्यार
सांवर अग्रवाल II नहीं थे घर में खाने को दानेसब दोस्त मारते थे तानेभाई का आया जन्मदिनमन हुआ रिमझिम...
कदंब का पेड़
सुभद्रा कुमारी चौहान II यह कदंब का पेड़ अगर मां होता यमुना तीरे।मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे...
मां के आंसू
राकेश धर द्विवेदी स्कूल जाते बच्चों की मांउठ जाती है भोर मेंबच्चों का टिफिनझटपट कर देती है...
‘मां मत हटाओ रजाई’
सांवर अग्रवाल II मां मत हटाओ रजाई,इसमें कितनी है गरमाई,स्कूल की है छुट्टी,मुझे पीने दो न फ्रूटी।...
बच्चों ने उड़ाई पतंग
सांवर अग्रवाल II देखो मकर संक्रांति आई,सब के चेहरे पर खुशियां आई,सोनू मोनू चहके-चहके हैं,खिचड़ी की...
बच्चे बोले, चलो करें पढ़ाई
राकेश धर द्विवेदी II हुईं छुट्टियां खत्मअब नाना-नानीदादा-दादी केघर से करते हैं विदाईचलो करते हैं...
नया जहां हम एक बनाएं
अमनदीप गुजराल ‘विम्मी’ II हुआ सवेरा कौआ बोलासूरज ने भी ली अंगड़ाईउजली-उजली रंगत लेकरकिरणें आज धरा...
कल एक सूरज फिर निकलेगा मन में ये विश्वास जगा ले
अमनदीप गुजराल ‘विम्मी’ II दूर गगन में उड़ती चिड़ियालौट धरा पर मुझ तक आईबोली तू भी पंख...
चन्दा मामा से सवाल
संतोष बरमैया II चन्दा मामा आओ छत पर,पूछूँ एक सवाल।कैसे अपना रूप बदलते,कैसे अपनी चाल।।चंदा मामा...
दो लघु कविताएं
सचिन अरोरा ll कक्षा- 4 A बचपन कल्पनाओं की दुनिया होती है। उसी कल्पनाओं के अनुसार बच्चे को भविष्य...