सांवर अग्रवाल II
सोनू मोनू रिंकी चिंकी,
आओ आओ जल्दी आओ,
चलो छत पर चलते हैं,
चंदा मामा दिखते हैं।
भागी-भागी पिंकी आई,
भैया भैया मैं भी आई,
मैं भी चलूंगी चांद देखने,
मन ही मन मुन्नी हषार्यी।
चंदा मामा दूर के,
अब बन गए है टूर के,
एक दिन हम सब जाएंगे,
मामी भी ले जाएंगे।
भैया बोले छोटी से,
यान हमारा उतरा है,
बजाओ ताली जोर से,
चंदा देखो खिला-खिला है।
गुड्डी बोली फिर भैया से,
हम भी चांद पर जाएंंगे,
कुकर और राशन लेकर,
खाना वहीं बनाएंगे।
बच्चों बिलकुल बिलकुल,
हम घर भी वहीं बनाएंगे,
आने दो गणतंत्र दिवस को,
तिरंगा वहीं लहराएंगे।