मेरा नाम विकास है। मैं खंडवा में रहता हूं। मैंने 12वीं की परीक्षा पास कर विश्वविद्यालय में दाखिला...
व्यंग्य (गद्य/पद्य)
बाबू जी… बड़े खतरे हैं इस राह में
अतुल चतुर्वेदी II कई दिनों से मन मस्तिष्क में एक पुराना गीत रह-रह कर याद आ रहा है… बाबू जी...
मेनहोल में गिरे रामभरोसे का ‘लाइव टेलीकास्ट’
अतुल मिश्र II सड़क के बीचों-बीच खुले पड़े मेनहोल के चारों तरफ भारी भीड़ जमा थी। अखबारी रिपोर्टरों...
रावण की दूसरी हार
घनश्याम अग्रवाल IIअलसी प्लांट, अकोला (महाराष्ट्र) अबकी बार रावण ने फिर सीताहरण कियाऔर अपने दरबार...
भोजन के लिए हेल्पलाइन नम्बर
गिरीश पंकज II उसे भूख लगी थी। जैसे सबको लगती है। पर उसके पास भोजन नहीं था। जैसे बहुतों के पास नहीं...
रे गंधी मति अंध तू अतर दिखावत काहे
डाॅ.यशोधरा शर्मा II उस दिन अपने बाबू जी की ‘कविता घर’ लेकर, जो अभी प्रकाशित हुआ था...
खोटा सिक्का
राजकुमार गौतम II और आखिरकार मेरा वह खोटा सिक्का चल ही गया ! खोटा सिक्का यानी मेरा उपन्यास! तमाम तरह...
खुलना पत्तों का
हरीश नवल II उस दिन वे मुझे बहुत दिनों बाद मिले। मिलते ही बोले, … गुरु जी हमेशा की तरह मैं...
तुसी कर दे की हो
हरीश नवल II मैं कॉलेज से छुट्टी लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था। उन्हीं दिनों ‘तोषी...
घात लगाती बिल्ली
हरीश नवल II घात, घातक, विश्वासघात और प्रतिघात शब्दों को हम पढ़ते सुनते रहे हैं। वृहत हिंदी कोश में...
परमबली
हरीश नवल II बचपन से हम सब रामायण और महाभारत की कथाएं पढ़ते और सुनते आए हैं। रामकथा में हनुमान और...
दिखते हैं, होते नहीं
हरीश नवल II कैसी विडंबना है कि हम ‘होना’ नहीं ‘दिखना’ चाहते हैं। ‘दिखना’ पर हमारा विशेष जोरदार...