वंदना मौलश्री II कल रात एक हसीं ख्वाब देखाबहकते जज्बात को मदहोश देखा। अनमनी सी रात कुछ नशे में...
ग़ज़ल/हज़ल
हमने तन्हा वक्त गुजारा जैसे तैसे
सागर II खाली रस्ता देख निहारा जैसे तैसे,हमने तन्हा वक्त गुजारा जैसे तैसे। वो बोले थे हम तुमको मिलने...
हकीकत आजकल अपनी छुपा कर लौट आते हैं
मनस्वी अपर्णा II सभी के सामने सर को झुका कर लौट आते हैंगलत बातों पे भी हम मुस्कुरा कर लौट आते...
आज अपना सच बताना है मुझे
मनस्वी अपर्णा II मैं हूं औरत! आज अपना सच बताना है मुझेमेंहदी की मानिंद पिस के रंग लाना है मुझे...
मेरे कातिले सितमगर तू बचा के रखना खुद को …
मनस्वी अपर्णा II न मिला नजर यूं मुझसे मेरा दिल मचल न जाएतेरी सांस की तपिश से मेरा जिस्म जल न...
उजाड़ आंखों में अब कोई ख्वाब क्या होगा
मनस्वी अपर्णा II मुनाफकत से बुरा तो जनाब क्या होगाअजाब ये नहीं तो फिर अजाब क्या होगा //१// हमारा...
बारहा ख़ुद से पूछता हूँ मैं
रुद्र ‘रामिश’ II बारहा ख़ुद से पूछता हूँ मैं!क्या है ये ख़ल्क़* और क्या हूँ मैं!! याद आई...
अपने भीतर दिया जलाना है
मनस्वी अपर्णा II २१२२ १२१२ ११२/२२ खुद की लौ में यूं झिलमिलाना हैअपने भीतर दिया जलाना है...
बोलो किसकी जीत मैं लिख दूं, बोलो किसकी मात लिखूं
मनस्वी अपर्णा II आज मिला है मौका तो फिर लाजिÞम है जज्बात लिखूंबोलो तो झूठा सच लिख दूं या फिर अपनी...
लुटा के बैठे तो तेरी बिसात को समझे
मनस्वी अर्पणा II १२१२ ११२२ १२१२ ११२/२२खुदाई समझे, खुदा तेरी जात को समझेहुआ जब इश्क तो हम कायनात को...
जज्बात मेरे मौसम के रंग में ढलते हैं
मनस्वी अपर्णा II २२१ १२२२ २२१ १२२२इक आंच में उल्फत की दो जिस्म पिघलते हैंहम...
दिल में प्यार रखता हूँ
शिवम द्विवेदी ‘सहर’ II कलम कहते हैं जिसको मैं भी वो तलवार रखता हूँमैं ज़ालिम...