अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टीवी कट्टीमणि की पुस्तक ‘जंगली कुलपति की कथा’ का लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह साहित्य अकादेमी सभागार में आयोजित किया गया। प्रो. कट्टीमणि हिंदी के लेखक हैं। ं। उनकी यह पुस्तक कट्टीमणि के सामाजिक संघर्षों और दूरस्थ क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय बनने की कथा है। यह कथा जनजातीय समुदायों के आत्मविश्वास और उनकी अभिव्यक्ति की भी कथा है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि देश के प्रथम जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति कुट्टीमणि ने अपने अनुभवों और संघर्ष को अपनी भाषा में पिरोया है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्तक में लेखक ने समाज के वंचित वर्ग की समस्याओं को सामने रखा है।
इस मौके पर साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि साहित्यकार का काम शब्दों को नया अर्थ देना है। लेखक कट्टीमणि ने सामाजिक चुनौतियों को स्वीकार कर उसे नया आयाम दिया है। समारोह में उपस्थित लेखक प्रो. कट्टीमणि ने कहा, अमरकंटक में जब वे कुलपति के रूप में गए तो उनके विरोधियों ने उन्हें जंगली शब्द से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस जंगली शब्द में नया अर्थ भरने की कोशिश की। हालांकि जंगली शब्द को असंसदीय माना जाता है।
लोकापर्ण समारोह में मौजूद साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि एक आदिवासी कुलपति के संघर्षो की कहानी है। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. रामचंद्र भी उपस्थित थे।