सांवर अग्रवाल रसिवासिया II
मिंकू-चिंकू जल्दी आओ,
कान्हा को झूला झुलाओ,
सुंदर से है बालगोपाल,
कितने सुंदर लड्डू गोपाल।
मम्मी मम्मी जल्दी आओ,
माखन-मिसरी का भोग लगाओ,
रात बहुत है घिर अब आई,
कान्हा ने ली है जम्हाई।
जाओ बच्चों नहा कर आओ,
नए कपड़े पहन कर आओ,
जन्मदिन अब मनाएंगे,
गीत सब मिल कर गाएंगे।
पिंकी चिंकी ने झूला सजाया,
पकड़ किनारा खूब हिलाया,
कान्हाजी को हुई गुदगुदी,
बच्चों ने फोड़ी दही की मटकी।
रंग-बिरंगे रिमझिम रिमझिम,
जमीं पर उतर आए तारे,
हैप्पी बर्थ डे प्रभु जी,
बार-बार ये दिन आए।