अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय के राधा कृष्णन सभागार में वाणी प्रकाशन की वार्षिक पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके पर साहित्य उत्सव का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष और शायर डॉ. वशिष्ठ अनूप ने की। अपने उद्घाटन वक्तव्य में उन्होंने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से हम एक जगह रहते हुए न जाने कितनी दुनिया की सैर कर लेते हैं।
उन्होंने कहा कि देश के जो प्रतिष्ठित प्रकाशक हैं उनमें वाणी ने अग्रणी स्थान बनाया है। देश भर में इनकी जो प्रदर्शनियां लग रही हैं उनसे पाठकों तक किताबें पहुंच रही हैं। अभी जिन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, उनमें साहित्यिक निबंध कई दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। साहित्य और साहित्येतर के विषयों के बहुत अच्छे लेख हैं और बहुत परिश्रम से लिखे हुए हैं।
विवेक सिंह की पुस्तक ‘उत्तर सत्यवाद’ के लोकार्पण के अवसर पर हिंदी के प्रख्यात कवि अरुण कमल की यह बात उल्लेखनीय रही कि हिंदी में ऐसी कोई किताब मेरे हाथ पहले न लगी। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष ने विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अरुण माहेश्वरी और अदिति माहेश्वरी गोयल को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के आरंभ में वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी गोयल ने डॉ. धर्मवीर भारती को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रो. प्रभाकर सिंह, प्रो. बाबू राम शर्मा, डॉ. लहरी राम मीणा आदि की उपस्थिति रही।
वाणी प्रकाशन ने अपने साठवें वर्ष में प्रवेश किया है। इस उपलक्ष्य में उसने यह संकल्प किया है कि पूरे वर्ष 60 साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन विश्वभर में किया जाएगा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में यह 19वां साहित्य-उत्सव कार्यक्रम है।