अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन ने भाषा वैज्ञानिक कमलेश कमल को ‘गोेस्वामी तुलसीदास सारस्वत सम्मान 2023’ से सम्मानित किया। उन्हें तुलसी जयंती समारोह में स्मृति चिह्न, श्रीफल, अंगवस्त्र के साथ 51 हजार की राशि प्रदान की गई। सम्मान समारोह जमशेदपुर स्थित तुलसी भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता थीं।
समारोह में लेखक कमलेश कमल ने अपने संबोधन में कहा कि भााषा व्यक्त्वि की पहचान होती है। उसकी शुद्धता पर हर किसी को ध्यान देना चाहिए। भाषा से ही ज्ञान का बोध होता है। स्वाभाविक रूप से भाषा अच्छी होगी तो ज्ञान का स्तर पर भी बड़ा होगा।
कमलेश कमल इस समय आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट हैं। इस समय झांसी में कार्यरत हैं। वे अब तक दो हजार से अधिक आलेख लिख चुके हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। कुछ महीने पहले प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक ‘भाषा संशय शोधन’ को सुधी पाठकों ने सराहा है। इस पुस्तक को बड़ी संख्या में लोग इसे पढ़ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने सभी कार्यालयों में इसका उपयोग करने का निर्देश दिया है।
कमलेश कमल को जून में विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया था। वे भारतीय संस्कृति न्यास के न्यासी हैं। वे इन दिनों ‘राष्ट्रवाक पत्रिका का संपादन भी कर रहे हैं। कमल का एक उपन्यास ‘आपरेशन बस्तर : प्रेम और जंग’ को बड़ी संख्या में पाठकों ने पढ़ा और सराहा। इस उपन्यास को बेस्टसेलर की श्रेणी में रखा गया। वे इन दिनों संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में हिंदी और निबंध की निशुल्क कक्षाओं का संचालन भी करते हैं।