अश्रुत पूर्वा II
रक्षाबंधन भाई-बहन के पावन प्रेम का प्रतीक है। यह रक्षा सूत्र है जिसे बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है। इस रक्षा सूत्र में बड़ी शक्ति है। साधारण सा दिखने वाला यह धागा सदियों से भाई-बहन के निस्वार्थ और अटूट स्नेह की अभिव्यक्ति बना रहा। मगर अब इस पर भी पिछले एक दशक में जो काली छाया पड़ी है, वह और गहरा गई है। ये धागे पहले रंग-बिरंगी राखियों में बदले। इसके बाद इसने जूलरी का रूप धारण कर लिया। नगों से सुसज्जित राखियां भी चलन में है। इसके अलावा इस त्योहार पर महंगे उपहारों के चलन ने भाई-बहन के निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा ही बदल दी है।
बदला है राखी का स्वरूप
राखी अब सिर्फ धागों से ही नहीं बन रही। यह नया रूप धारण कर चुकी है। फंकी बैंड और रंग-बिरंगे स्टोन से सजी राखियां भी खूब बिकती हैं। बरसों से मिलने वाली पारंपरिक राखियां अब शायद ही बच्चे पसंद करते हों। पारंपरिक राखियों के लिए अब बाजार या दुकानों में जगह नहीं रह गई है। महंगी राखियों के चलन ने इस त्योहार की सादगी और सच्चाई को खत्म कर दिया है।
बच्चों की पसंद की राखियां
यह बाजार का ही असर है कि रक्षाबंधन के पवित्र धागे समय के साथ लुप्त हो रहे हैं। उनकी जगह चमकीली-भड़कीली और महंगी राखियों ने जगह ले ली है। दुकानदार बच्चों की पसंद की राखियों का ध्यान रखते हैं। रक्षाबंधन के दिन बच्चे पहले कलाई पर बांधते हैं बाद में फंकी चाबी की चेन बना लेते हैं। एक समय में स्पाइडरमैन और हैरी पॉटर राखियां बहुत बिकी थीं।
डिजाइनर राखियां पहली पसंद
डिजाइनर राखियां बड़े मॉल या शापिंग कांपलेक्स में आसानी से मिल जाती है। चमकीले नगों, मोती, रूबी, पन्ना और क्रिस्टल से बनी जड़ाऊ राखियां हर साल बाजार की शोभा बढ़ाती हैं। ये युवतियों को पसंद हैं। बाद में यही राखी ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल की जाती है। अब तो सोने-चांदी की भी राखियां मिलने लगी हैं। जिन्हें बाद में आप पेंडेंट और नेकलेस की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक राखियों की कद्रदान हैं तो छोटे बाजारों की ओर रुख करना चाहिए।
होश उड़ा देते हैं दाम
वैसे तो राखी की कीमत भाई-बहन के प्यार के आगे कुछ भी नहीं है। वैसे बाजारों में राखियां पचास रुपए से लेकर पांच सौ की भी हैं। लेकिन जब इनमें सोने-हीरे जड़े हों तो दाम सुन कर होश उड़ जाते हैं। डिजाइनर राखियों की कीमत पांच सौ रुपए से कर पांच हजार तक भी हो सकती है। अगर आप ओरनामेंटल राखी के बारे में सोच रहे हैं तो यह पांच-छह हजार से लेकर 15-20 हजार रुपए तक हो सकती है। सोने की राखी 22 कैरेट की होती है इनका वजन भी लगभग दो से पांच ग्राम तक ही होता है।
नेट पर भी बिक रही हैं राखियां
भाई नजदीक हो तो आप उसे घर पर राखी बांध सकती हैं। मगर वह दूसरे शहर में रह रहा हो तो आप उसे इंटरनेट से राखी भेज सकती हैं। आपकी मनपसंद राखी, मिठाई का एक डिब्बा और पूजा की थाली के साथ आपके भाई के पास पहुंचा दी जाएगी। इसके लिए आपको एक हजार से पंद्रह हजार रुपए तक खर्च करने पड़ सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करना चाहतीं तो समय से पहले कूरियर से राखी तो भेज ही सकती हैं। भाई जब अपनी कलाई पर आपकी भेजी राखी बांधेगा तो उसका चेहरा यकीनन दमक उठेगा।