भारतीय परंपरा में होली एक ऐसा पर्व है जिसे हर वर्ग का व्यक्ति मना कर प्रसन्न होता है। साल भर संघर्ष के बाद यही पर्व है जिसे वह अकेले नहीं मना सकता। चाहे कितना दूर हो, वह घर जाना चाहता है। दो-चार दिन पहले ही वह बस-ट्रेन या हवाई जहाज से माता-पिता भाई-बहन या अपने परिवार के पास किसी तरह पहुंच जाना चाहता है। उसकी आंखों में न जाने कितने सपने और कितने रंग होते हैं। तमाम मतभेद और विवाद को भुला कर वह प्रेम-सद्भाव का रंग लेकर वह सबके गले लग जाना चाहता है। इस तरह होली बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है।
होली पर आप देख सकते हैं कि हर रंग एक संदेश लेकर आता है। पीला रंग खुशी और सम्मान का रंग है। इसे लगाते ही चेहरा सूर्य की तरह दमक उठता है। वहीं हरा रंग सकारात्मकता का बोध कराता है। यह हरियाली का भी प्रतीक है। हरे रंग में रंग कर आप प्रियजनों के मन में ताजगी और सुकून से भर देते हैं। वहीं नारंगी रंग मेलजोल का प्रतीक है। जबकि गुलाबी रंग प्रेम में सराबोर करता है। इस रंग को लगा कर आप अपने स्नेह को जाहिर करते हैं। लाल रंग ऊर्जा का द्योतक है। यह गर्मजोशी से भर देता है। जबकि नीला रंग मन में शांति लाता है। यानी हर रंग जीवन का कोई संदेश देता है। वहीं श्वेत-श्याम जीवन का सत्य है।
कुछ रंग हमारे जीवन में त्वरित गति से खुशियां लाते हैं। यह खुशी प्रसन्नता का स्थायी भाव बन जाए, अश्रुतपूर्वा डॉट कॉम यही कामना करता है। इंद्रधनुषी रंगों की छटा के साथ हम साहित्य के विविध रंग प्रस्तुत करते रहे हैं, यही हमारा प्रयास होगा। आप भी रंग लगाएं और समाज में सद्भाव फैलाएं।
होली पर सभी पाठकों को शुभकामनाएं।
डॉ. सांत्वना श्रीकांत
संस्थापक, अश्रुतपूर्वा डॉट कॉम
दिल्ली।
आप भी रंग लगाएं और समाज में सद्भाव फैलाएं।