अश्रुत तत्क्षण

साहित्य अकादेमी ने याद किया जयंत महापात्र को

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी के दिल्ली कार्यालय में प्रख्यात अंग्रेजी कवि, विद्वान और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य जयंत महापात्र को याद किया गया। उनकी स्मृति में शोक प्रस्ताव पारित किया गया। एक मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्री महापात्र का 27 अगस्त को कटक में निधन हो गया था। वे कुछ समय से अस्वस्थ थे
साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव की ओर से जारी शोक प्रस्ताव में लिखा गया है कि – हमें यह समाचार सुन कर अत्यंत कष्ट और शोक हुआ कि रविवार, 27 अगस्त 2023 को भारतीय अंग्रेजी कविता के पुरोधा, प्रतिष्ठित विद्वान और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य प्रोफेसर जयंत महापात्र का कटक में, ब्रेन स्ट्रोक के कारण निधन हो गया है। प्रोफेसर जयंत महापात्र ने भारतीय अंग्रेजी कविता की आधारशिला रखी तथा उन्होंने केवल कविता ही नहीं बल्कि समग्र रूप से भारतीय साहित्य को समृद्ध बनाने में योगदान दिया।
शोक प्रस्ताव में आगे लिखा गया है कि अपने लंबे और उत्कृष्ट कार्य-जीवन में, प्रोफेसर महापात्र की अंग्रेजी और ओड़िया में 30 से अधिक कृतियां प्रकाशित हुर्इ तथा उन्हें ‘रिलेशनशिप’ (कविता-संग्रह) के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार सहित पद्मश्री, साहित्य अकादेमी महत्तर सदस्यता, जैकब ग्लैडस्टीन मेमोरियल अवार्ड, एलन टेट कविता पुरस्कार, टाटा लिटरेचर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और सार्क लिटरेचर अवार्ड एवं कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों तथा सम्मानों से विभूषित किया गया।
प्रस्ताव में यह भी लिखा गया कि प्रोफेसर जयंत महापात्र अंग्रेजी में साहित्य अकादेमी पुरस्कार तथा महत्तर सदस्यता प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय कवि थे। प्रो.महापात्र आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे अपने पीछे समृद्ध कृतियां और विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा जीवंत बने रहेंगे। साहित्य अकादेमी भारत के साहित्यिक समाज के साथ प्रोफेसर जयंत महापात्र के निधन पर अत्यंत शोक प्रकट करती है तथा दिवंगत लेखक के परिवार के प्रति संवेदना निवेदित करती है।

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