अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। राजधानी में सदैव उत्सवों की बहार रहती है। पर्यटन स्थलों से समृद्ध दिल्ली में साहित्य, संगीत, कला और नाट्य मंचन पर आधारित आए दिन आयोजन होते रहते हैं। पिछले दिनों भोजपुरी कजरी महोत्सव हुआ। इसमें एक के बाद एक प्रस्तुति से श्रोता खिल उठे। यह कार्यक्रम आईटीओ के पास राजेद्र भवन सभागार में आयोजित किया गया था।
बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं के बीच बलिया के लोक गायक शैलेंद्र मिश्र ने समां बांध दिया। उनके गाए गीत ‘पसेना गरी गरी गिर’ और ‘तनी दे ना डोलाई पिया बेना’ को सुन कर श्रोता झूम उठे। वहीं लोक गायिका अंजलि ने देवी और शिव पर आधारित भोजपुरी गीतों से सभी को भक्ति रस में डुबो दिया। यह आयोजन मौथिली-भोजपुरी अकादमी और मां सरस्वती नृत्य कला पीठ की ओर से हुआ।
इस अवसर पर लोक गायिका कल्पना मिश्रा और पूजा सिंह नृत्य नाटिका ग्रुप, मंगलगान संस्कार ग्रुप और विजयी भव नृत्य नाटिका ग्रुप ने भी प्रस्तुति दी। इस मौके पर कई रंगकर्मियों के साथ भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजित दुबे, रंगश्री के संस्थापक महेंद्र प्रसाद सिंह, भोजपुरी जनजागरण अभियान के अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल और मैथिली भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष संजीव सक्सेना भी उपस्थित थे।