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सन्निधि का शतक, कई हस्तियों का सम्मान

अश्रुत पूर्वा संवाद II

नई दिल्ली। दिल्ली की प्रतिष्ठित संस्था सन्निधि संगोष्ठी ने विष्णु प्रभाकर और काका साहेब कालेलकर के जीवन मूल्यों को नमन करते हुए अपनी सौवीं संगोष्ठी संपन्न की। इस मौके पर दो सत्रों में हुए आयोजन में कई लेखकों को सम्मानित करने के साथ समाज और साहित्य के लिए काम कर रही कुछ संस्थाओं को सम्मानित किया गया। वहीं शतक संगति में आज और कल के आइने में साहित्य की विभिन्न विधाओं पर व्याख्यान हुए। इसमें कई लेखकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ और यह शाम तक चला। इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे विश्व कवि सुरेंद्र शर्मा और विशिष्ट अतिथि डॉ. गोपेश्वर सिंह थे। अध्यक्षता जनसत्ता के संपादक मुकेश भारद्वाज ने की। आयोजन गांधी हिंदुस्तानी सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के उद्बोधन के बाद आदिवासी साहित्य के लिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी, प्रवासी साहित्य के लिए राकेश पांडेय, स्त्री साहित्य के लिए डॉ. सुमन, पत्रकारिता के लिए डॉ. दर्शनीप्रिय और रचनात्मक कार्य के लिए किरण आर्य को काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। शतक संगति के इस विशेष अवसर पर दलित साहित्य के लिए डॉ. पूरन सिंह, कहानी के लिए आकांक्षा पारे, कविता के लिए डॉ. सरोज कुमारी, लघुकथा के लिए डॉ. कांता राय और साहित्यिक पत्रकारिता के लिए  निशा निशांत को विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया।
सन्निधि की शतक संगति में कुछ संस्थाओं को विशिष्ट सेवा सम्मान दिया गया। इनमें अखिल भारतीय मिथिला संघ दिल्ली (डॉ. ममता ठाकुर), ग्राम दीदी, भागलपुर (उषा ठाकुर), हरिओम जिंदल बाल शिक्षण संस्थान लुधियाना, ट्वीट फाउंडेशन दिल्ली (दीपिका ठाकुर), विश्व वाणी हिंदी संस्था अभियान (जबलपुर), मेरा रंग, दिल्ली (शालिनी श्रीनेत), सूर्य संस्थान, नोएडा (देवेंद्र मित्तल), परिचय साहित्य परिषद, दिल्ली, विधि भारती, अंतराराष्ट्रीय हिंदी समिति, अमेरिका (इंद्रजीत शर्मा), दलित लेखक संघ (महेंद्र बेनीवाल), युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच दिल्ली (राम किशोर उपाध्याय), सविता चड्ढा जन सेवा समिति (सविता चड्ढा), पर्पल पैन, दिल्ली (वसुधा कनुप्रिया), भारतीय भाषा संवर्धन संस्थान (प्रतिबिंब बड़थ्वाल), सृजन सेतु (हर्षवर्धन आर्य), गायत्री साहित्य संस्थान, नई दिल्ली (बबली वशिष्ठ), प्रणेता साहित्य न्यास, पेड़ों की छांव वाले रचनाकार, वैशाली साहिबाबाद, (चंद्रमणि ब्रह्मदत्त), इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल नई दिल्ली और गांधी विचार मंच नई दिल्ली (डॉ. धीर) शामिल हैं।
शतक संगति के सम्मान समारोह के बाद साहित्य के विविध रूपों पर व्याख्यान हुआ। इसके बाद मौथिली और हिंदी के साहित्यकार गंगेश गुंजन की अध्यक्षता में बहुभाषी काव्य संगोष्ठी हुई। इसमें हिंदी से राकेश धर द्विवेदी, उर्दू से चंद्रभान ख्याल, तमिल से सत्या अशोकन, अंगिका से भाग्येंद्र पटेल असमिया से मिताली फूलन मैथिली से कल्पना झा और स्वाति शाकंभरी ने काव्य पाठ किया।
इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन गांधी हिंदुस्तानी सभा, नई दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान नोएडा ने आयोजित किया। आयोजन का समन्वय कुसुम शाह, अतुल प्रभाकर और प्रसून लतांत ने किया। सदानंद कविश्वर, केदारनाथ ‘शब्द मसीहा’, अंजू खरबंदा, कुलीना कुमारी, ज्योति मिश्रा, बीना हांडा और पुष्पा शर्मा ने संयोजन किया।  

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