अश्रुत तत्क्षण

माइक्रोसॉफ्ट एबिलिटी अवार्ड फ़ॉर कम्युनिटी सर्विस बालेंदु को

फोटो गूगल से साभार

अश्रुत पूर्वा II

बरसों की यात्रा के बाद हिंदी ग्लोबल हो गई है। यह कविताओं, कहानियों-उपन्यासों-नाटकों और निबंधों से निकल कर दुनिया के एक कोने से लेकर सात समंदर पार लाखों-करोड़ों के बीच एक प्राण वायु बन गई है। यह राष्ट्र की एकता को पिरोती हुई विश्व बंधुता को बढ़ाती चल रही है। इसे आप दुनिया की लोकतांत्रिक भाषा कह सकते हैं। यह गरीब-गुरबों की ही नहीं, तेज-तर्रार भारतीयों की स्मार्ट भाषा भी है। इसकी बोधगम्यता और सहजता इतनी कि सभी के दिलों में रच बस जाती है। इसके आगे बाजार की शक्ति को भी झुकना पड़ा है।

वैश्विक मंचों पर हिंदी सिनेमा और साहित्यिक कृतियों को जिस तरह मान-सम्मान मिला है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम हिंदी के लोगों की साख कितनी बढ़ी है। हिंदी में काम करने वालों की आर्थिक क्षमता पहले के मुकाबले कहीं अधिक हो गई है।

 गीतांजलि श्री हिंदी की गंगा को विश्व मंच पर ले गई हैं। मगर वे कोई अकेली उदाहरण नहीं हैं। और ऐसा भी नहीं है कि उनके उपन्यास से बेहतर कभी नहीं रचा गया। मुंशी प्रेमचंद हों, अज्ञेय हों, धर्मवीर भारती हों, निर्मल वर्मा हों, सर्वेश्वर हो या कि कमलेश्वर हों, यहां तक कि चीन में बेतहाशा लोकप्रिय हुए गुलशन नंदा हों, ऐसे तमाम लेखकों ने हिंदी में एक नई उर्जा भरी। आज भी कई लेखक बेहद खामोशी से प्रचार से दूर रह कर साहित्य की साधना कर रहे हैं। उनके संघर्ष की गाथा गहरी है। खुद गीतांजलि श्री मिसाल हैं। उनकी वजह से हिंदी को पहला बुकर मिला है। उनका यह अवदान अविस्मरणीय रहेगा।

  • 2022 का माइक्रोसॉफ्ट एबिलिटी अवार्ड फार कम्युनिटी सर्विस बालेंदु को दिया गया। आपको बता दें कि यह पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट से चुन कर दिया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। यह भी कम बड़ी बात नहीं कि इस पुरस्कार के लिए विश्व भर से 250 से अधिक लोेग दौड़ में थे। इस सम्मान की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है इस कार्यक्रम का उद्घाटन खुद माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने किया।

…मगर हिंदी में काम कर रहे उन लोगों का भी अवदान कम नहीं जो राजकाज की नई भाषा गढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में पूरी एक नई पीढ़ी आ गई है। तकनीक के क्षेत्र में हिंंदी की पैठ बढ़ाने के लिए कुछ लोग चुपचाप अपना काम कर रहे हैं। इन गिने-चुने लोगों में माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष अधिकारियों में से एक, साथ ही पत्रकार रहे लेखक बालेंदु दाधीच का नाम अव्वल है। प्रचार और पुरस्कारों से दूर रह कर काम कर रहे बालेंदु को हाल में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जिसकी ओर लोगों का ध्यान कम गया।

पिछले दिनों वाशिंगटन में माइक्रोसॉफ्ट एबिलिटी समिट में एक अहम पुरस्कार की घोषणा की गई। इस साल 2022 का माइक्रोसॉफ्ट एबिलिटी अवार्ड फार कम्युनिटी सर्विस बालेंदु को दिया गया। आपको बता दें कि यह पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट से चुन कर दिया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। यह भी कम बड़ी बात नहीं कि इस पुरस्कार के लिए विश्व भर से 250 से अधिक लोेग दौड़ में थे। इस सम्मान की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है इस कार्यक्रम का उद्घाटन खुद माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने किया।

बालेंदु को मिला यह सम्मान हम सभी हिंदी के लोगों के लिए भी सम्मान की बात है। क्योंकि विगत कई बरसों से सामुदायिक स्तर पर तकनीक के प्रचार के साथ ही तकनीक में हिंदी और भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देने तथा प्रौद्योगिकी को हिंदी और अन्य भाषाओं में सक्षम बनाने की दिशा में वे लगातार काम कर रहे हैं।  

तो एक तरफ गीतांजलि तो दूसरी तरफ बालेंदु हैं जिन्होंने दुनिया को फिर से हिंदी की की ताकत का अहसास कराया है। इन दोनों को बधाई दीजिए। क्योंकि ये हिंदी की उस जमीन को मजबूत कर रहे हैं जिस पर आप खड़े हैं, वहां से आपको भी शक्ति मिल रही है। आपका भी सम्मान बढ़ रहा है।

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