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धरणेन्द्र कुरकुरी को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली, 24 जून।
साहित्य अकादेमी ने वर्ष 2021 के लिए प्रतिष्ठित अनुवाद पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। अकादेमी ने हिंदी के लिए धरणेन्द्र कुरकुरी को यह पुरस्कार देने का एलान किया है। जबकि उर्दू के लिए अर्जुमंद आरा और अंग्रेजी के लिए शांता गोखले सहित 22 भारतीय भाषाओं के अनुवादकों को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया जाएगा।

साहित्य अकादेमी के सचिव श्रीनिवास राव की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बुलाई गई बैठक में अनुवाद पुरस्कार 2021 के लिए 22 पुस्तकों के चयन को अनुमोदित किया गया। कुरकुरी को कन्नड़ में लिखे बसवराज कट्टीमनी के उपन्यास ‘ज्वालामुखिया मेले’ का हिंदी में ‘ज्वालामुखी पर’ नाम से अनुवाद करने के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। 

अकादेमी सचिव के मुताबिक, आरा को अंरुधति रॉय के अंग्रेजी उपन्यास ‘मिनिस्ट्री आफ अटमोस्ट हैप्पिनेस’ का अनुवाद ‘बेपनाह शादमानी की मुमलिकात’ नाम से उर्दू में करने के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। इसी तरह गोखले ने मराठी में लक्ष्मीबाई तिलक द्वारा कलमबद्ध किए गए संस्मरण ‘स्मृतिचित्रे’ का अनुवाद ‘स्मृतिचित्रे: द मेमोरीज़ आफ अ स्पिरिटेड वाइफ’ शीर्षक से अंग्रेजÞी में किया है। इसके लिए उन्हें अनुवाद पुरस्कार दिया जाएगा।

अकादेमी के बयान के मुताबिक, हिंदी साहित्यकार राजमोहन झा की कहानी ‘आज कल परसों’ का सिंधी में ‘अजु-सुबहाने-परहीन’ नाम से तर्जुमा करने के लिए मीना रूपचंदाणी को, जबकि भाषा सिंह के हिंदी में कलमबद्ध कथेतर ‘अदृश्य भारत’ का तेलुगु में अनुवाद करने के लिए के संजय को पुरस्कृत किया जाएगा। सतीश वर्मा के हिंदी में लिखे यात्रावृत्त ‘पाकिस्तान की हकीकत से रूबरू’ का डोगरी में अनुवाद करने के लिए नीलम सरीन को और उदय प्रकाश की ‘प्रतिनिधि कहानियां’ का पंजाबी में अनुवाद करने के लिए भजनबीर सिंह को अनुवाद पुरस्कार दिया जाएगा।

इसके अलावा असमिया में पॅरी हिलोइदारी, बांग्ला में नीता सेन समर्थ, गुजराती में सोनल पारीख, संस्कृत में शतावधानी रा. गणेश और बीएन शशिकिरण, और मराठी में कुमार नवाथे (दिवंगत) समेत 22 भारतीय भाषाओं के अनुवादकों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। मैथिली और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कारों की घोषणा बाद में होगी।

अकादेमी सचिव राव के मुताबिक ये पुरस्कार एक जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2019 के बीच प्रकाशित पुस्तकों के लिए घोषित किए गए हैं। ये सभी पुरस्कार इस साल एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे। सभी विजेताओं को पुरस्कार में 50 हजार रुपए और उत्कीर्ण ताम्रफलक दिए जाएंगे।’ (यह प्रस्तुति मीडिया की खबरों पर आधारित)

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