अश्रुत तत्क्षण

नाटककार मोहन राकेश की याद में थिएटर महोत्सव

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। राजधानी में नाटककार मोहन राकेश की याद में थिएटर महोत्सव आयोजित किया गया है। यह पहल दिल्ली सरकार की साहित्य कला परिषद ने की है। मोहन राकेश को श्रद्धांजलि देने के लिए कमानी सभागार में चार नाटकों का प्रदर्शन होने जा रहा है। मोहन राकेश नाट्य समारोह में अखिल भारतीय मोहन राकेश नाट्य लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से चुने गए नाटक मंचित किए जाएंगे। थियेटर महोत्सव की शुरुआत श्री राम शर्मा काप्रेन लिखित और सुरेंद्र शर्मा निर्देशित नाटक ‘धनपति नवाब’ से प्रेम से हुई।
बताया गया कि थियेटर महोत्सव में भारती शर्मा द्वारा निर्देशित डॉ. प्रतिभा जैन के महाशर्मण चंद्रगुप्त मौर्य, एजाज खान द्वारा निर्देशित दयानंद शर्मा के ‘इश्क समंदर’ और लोकेंद्र त्रिवेदी द्वारा निर्देशित राजेश कुमार के नाटक ‘निशब्द’ का प्रदर्शन किया जाएगा। साहित्य कला परिषद के मुताबिक इस साल नाटक लेखन प्रतियोगिता में 68 प्रविष्टियां मिलीं, जिनमें से चार का चयन नाट्य महोत्सव के लिए किया गया।
साहित्य कला परिषद आधुनिक हिंदी नाटक के अग्रदूतों में से एक मोहन राकेश की याद में कोई एक दशक से ‘मोहन राकेश नाट्य समारोह’ का आयोजन कर रही है। इस महोत्सव के साथ एक राष्ट्रीय मंच की पेशकश के माध्यम से नाटक लेखन के रचनात्मक क्षेत्र में आने वाली प्रतिभाओं को बढ़ावा देने कोशिश है।
साहित्य कला परिषद इन चार पटकथाओं को बाद में नाट्य तरंग में प्रकाशित करेगी। बता दें कि मोहन राकेश हिंदी के उन नाटककारों में से एक थे जिन्होंने 1950 के दशक में हिंदी साहित्य के नई कहानी आंदोलन का नेतृत्व किया था। ‘आषाढ़ का एक दिन’ (1958) और ‘आधे-अधूरे’ (1969) उनकी उल्लेखनीय कृतियों में से हैं। (मीडिया मे आए समाचार पर आधारित)

मोहन राकेश उन नाटककारों में से एक थे जिन्होंने 1950 के दशक में हिंदी साहित्य के नई कहानी आंदोलन का नेतृत्व किया था। ‘आषाढ़ का एक दिन’ (1958) और ‘आधे-अधूरे’ (1969) उनकी उल्लेखनीय कृतियों में से हैं।

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