अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। बुकर पुरस्कार से सम्मानित कृति ‘रेत समाधि’ का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करने वाली डेजी रॉकवेल को सातवां वाणी फाउंडेशन अनुवादक पुरस्कार देने का निर्णय किया गया है। डेजी को जयपुर साहित्य उत्सव में वैश्विक परिदृश्य में उर्दू और हिंदी के प्रति उनके योगदान के लिए 22 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।
वाणी फाउंडेशन और टीमवर्क आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हर साल जयपुर साहित्य उत्सव में वाणी फाउंडेशन गणमान्य अनुवादक पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार उन अनुवादकों को दिया जाता है जिन्होंने लगातार और कम-से-कम दो भारतीय भाषाओं के बीच साहित्यिक और भाषाई संबंध विकसित करने की दिशा में योगदान दिया है। भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के बीच सीधे आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए किसी ठोस पहल की कमी के आलोक में यह पुरस्कार आवश्यक समझा गया।
यह पुरस्कार खास तौर से उन अनुवादकों का समर्थन करता है जिन्होंने एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक संग्रह तैयार किया है। पुरस्कार के तहत ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र के अलावा एक लाख रुपए या समकक्ष मौद्रिक राशि प्रदान की जाती है। डेली रॉकवेल को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा पिछले दिनोंएक कार्यक्रम में की गई। पश्चिमी मैसाचुसेट्स में कलाकारों के परिवार में जन्मी डेजी उत्तरी न्यू इंग्लैंड में रहने वाली हिंदी और उर्दू साहित्य की अनुवादक और चित्रकार हैं। दक्षिण एशियाई साहित्य में पीएचडी करने के बाद उन्होंने हिन्दी लेखक उपेन्द्रनाथ अश्क पर एक किताब भी लिखी।
डेजी रॉकवेल के उर्दू और हिंदी में कई अनुवाद प्रकाशित हुए हैं, जिनमें अश्क की ‘फॉलिंग वॉल्स’ (2015), भीष्म साहनी की तमस (2016) और खदीजा मस्तूर की ‘द वूमेंस कोर्टयार्ड’ शामिल हैं। कृष्णा सोबती के अन्तिम उपन्यास, ‘ए गुजरात हियर, ए गुजरात देयर’ (पेंगुइन, 2019) के उनके अनुवाद को 2019 में साहित्यिक अनुवाद के लिए एल्डो और जीन स्कैग्लियोन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2021 में डेजी द्वारा अनूदित पुस्तक ‘टॉम्ब आफ सैंड’ के लिए गीतांजलि श्री को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला था।
यह पुरस्कार अब तक अत्तूर रवि वर्मा (2015-2016) : मलयालम, अनामिका (2016-2017) भोजपुरी, रीता कोठारी (2017-2018) : सिंधी, तेजी ग्रोवर (2018-2019) : हिन्दी, रख्शंदा जलील (2019-2020) : उर्दू, अरुणाव सिन्हा (2021-2022) : बंगला को दिया जा चुका है।
डेली रॉकवेल को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा पिछले दिनोंएक कार्यक्रम में की गई। पश्चिमी मैसाचुसेट्स में कलाकारों के परिवार में जन्मी डेजी उत्तरी न्यू इंग्लैंड में रहने वाली हिंदी और उर्दू साहित्य की अनुवादक और चित्रकार हैं।