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नहीं रहे ब्रिटिश लेखक पैट्रिक फ्रेंच

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। ब्रिटिश लेखक, इतिहासकार और शिक्षाविद पैट्रिक फ्रेंच का पिछले दिनों लंदन में निधन हो गया। वे चार साल से कैंसर से जूझ रहे थे। वे 57 वर्ष के थे। उन्हें वीएस नायपॉल की जीवनी, द वर्ल्ड इज व्हाट इट इज और इंडिया : अ पोर्ट्रेट के लिए पुरस्कार मिले थे।
पैट्रिक 2017 में अहमदाबाद विश्वविद्यालय में स्कूल आॅफ आर्ट्स एंड साइंसेज के पहले डीन थे। इसके अलावा वे अशोक विश्वविद्यालय से भी जुड़े रहे। उनकी सास और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) की सह-संस्थापक नमिता गोखले ने बताया कि फ्रेंच का निधन हो गया है। नमिता ने कहा, यह बहुत अचानक हुआ। हम सब बहुत दुखी हैं। मौत लंदन में हुई है। वे पिछले चार साल से कैंसर से पीड़ित थे। फ्रेंच के परिवार में उनकी पत्नी मेरू गोखले और चार बच्चे हैं। मेरू गोखले पेंगुइन प्रेस ग्रुप में प्रकाशक रही हैं।
लंदन में मेरू गोखले ने कहा कि पैट्रिक एक असाधारण पिता, मित्र, पति, शिक्षक और गुरु थे। उन्होंने एक बयान में कहा, सुबह 8.10 बजे मेरे प्यारे पति पैट्रिक फ्रेंच का लंदन में कैंसर से लंबे समय तक जूझने के बाद निधन हो गया। उनका स्नेह और प्यार हमेशा हमारे साथ रहेगा। वे बिना किसी कष्ट के शांति से इस दुनिया से गए। उनके निधन पर लेखक शशि थरूर, इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल व रामचंद्र गुहा ने गहरा शोक जताया है। (यह जानकारी मीडिया में आए समाचार पर आधारित)

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-संस्थापक नमिता गोखले ने बताया कि फ्रेंच का निधन हो गया है। हम सब बहुत दुखी हैं। मौत लंदन में हुई है। वे पिछले चार साल से कैंसर से पीड़ित थे। फ्रेंच के परिवार में उनकी पत्नी मेरू गोखले और चार बच्चे हैं।  

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