अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली, 20 जुलाई।
साहित्य अकादेमी ने पिछले दिनों कार्यक्रम कथासंधि में कथाकार प्रदीप सौरभ को आमंत्रित किया। प्रदीप अरसे तक पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपने नवीनतम उपन्यास ‘ब्लाइंड स्ट्रीट’ के अंश श्रोताओं के सामने रखे। इन अंशों में चार दृष्टिबाधित दिव्यांग मित्रों के जीवन की बानगी थी, जो उन्होंने अलग-अलग राज्यों से शुरू की और अंतत: दिल्ली आकर मिले।
उपन्यासकार प्रदीप की कहानी का मुख्य पात्र महेश तनेजा है जो चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचता है और उसके अन्य मित्र नितिन त्यागी, राजेश एवं नरेश, कानपुर और करनाल से यहां पहुंचते हैं। शुरूआती अंशों में उनकी दिल्ली पहुंचने की कठिनाइयों और उनके परिवारों तथा समाज की ओर से किए गए तिरस्कार को प्रस्तुत किया गया था।
प्रदीप सौरभ अपने पहले उपन्यास ‘मुन्नी मोबाइल’ से चर्चा में आ गए थे। उपन्यास ब्लाइंट स्ट्रीट से कुछ अंश की प्रस्तुति के बाद श्रोताओं ने लेखक से इस उपन्यास और अन्य उपन्यासों की रचना-प्रक्रिया पर सवाल किए।
एक सवाल पर प्रदीप सौरभ ने कहा कि एक साहित्यकार को पत्रकार की पृष्ठभूमि से यह फायदा होता है कि वह तथ्यों को जांच परख कर अपनी रचना में इस्तेमाल करता है। कार्यक्रम में संतोष भारतीय, अरविंद जैन, पवन अरोड़ा, प्रदीप पंडित, अरविंदशरण, अमिय बिंदु, इरशाद खान सिकंदर आदि बड़ी संख्या में छात्र और पत्रकार मौजूद थे।