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लेखिका अलका सरावगी को दयावती मोदी स्त्री शक्ति सम्मान

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। हिंदी की प्रख्यात लेखिका अलका सरावगी को ‘दयावती मोदी स्त्री शक्ति सम्मान’ मिलेगा। उन्हें यह पुरस्कार देने की घोषणा 21 जुलाई को की गई। ‘स्त्री शक्ति’ की ओर से जारी गई एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार स्त्री शक्ति महोत्सव के मौके पर ‘स्त्री के द्वारा, एक असाधारण स्त्री की स्मृति में’ दिए जाने वाले ‘दयावती मोदी स्त्री शक्ति सम्मान’ से उपन्यासकार सरावगी को नवाजा जाएगा।

पिछले दिनों ‘स्त्री शक्ति’ की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें यह पुरस्कार 27 जुलाई को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कर्ण सिंह करेंगे।

  • ‘स्त्री शक्ति’ की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें यह पुरस्कार 27 जुलाई को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कर्ण सिंह करेंगे।

विज्ञप्ति के मुताबिक, अलका सरावगी ने छह उपन्यास लिखे हैं जिनमें से ‘कलि-कथा वाया बाइपास’ (2001) को साहित्य अकादेमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया था। इसका कई भाषाओं में अनुवाद हुआा। अलका का उपन्यास एक सच्ची झूठी गाथा भी खासा चर्चा में रहा था।  

अपने पहले उपन्यास ‘कलिकथा वाया बाइपास’ से सशक्त उपन्यासकार के रूप में स्थापित हो चुकीं अलका का पहला कहानी संग्रह 1996 में ‘कहानियों की तलाश में’ आया। इसके दो साल बाद ही उनका पहला उपन्यास ‘कलिकथा, वाया बाइपास’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ। इसमें नायक किशोर बाबू और उनके परिवार की चार पीढ़ियों का राजस्थान से बंगाल की ओर पलायन, उससे जुड़ी उम्मीद एवं पीड़ा की कहानी बयां की गई है। वर्ष 2000 में उनके दूसरे कहानी संग्रह ‘दूसरी कहानी’ के बाद उनके कई उपन्यास प्रकाशित हुए।

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