अश्रुत तत्क्षण

चांद को बदलते देखने के लिए लाखों ने आसमान की ओर लगाई टकटकी

अश्रुतपूर्वा II

नई दिल्ली। आठ अक्तूबर की शाम साल के अंतिम चंद्रग्रहण को देश भर में लाखों लोगों ने देखा। चांद के बदलते स्वरूप को देखने के लिए लाखों लोग आसमान की ओर नजरें गड़ाए रहे। वहीं कुछ लोगों ने दूरबीन और अपने आधुनिक स्मार्ट फोन की मदद से चंद्रमा की तस्वीरें खींची। और जिनके पास यह नहीं था, उन्होंने इस दुर्लभ क्षण को अपनी आंखों में ही बसा लिया।
खगोल प्रेमियों ने साल 2022 के आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण को पूरे मनोयोग के साथ देखा। कई लोग इस आकाशीय नजारे को देखने के लिए अपनी छत पर जा पहुंचे। देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में कोहिमा, गुवाहाटी और अगरतला के लोगों ने एकदम साफ चंद्रग्रहण देखा। दरअसल, पूर्वोत्तर हिस्से में शाम पांच बज कर 12 मिनट पर पूर्ण ग्रहण की समाप्ति से पहले ही चांद क्षितिज पर उग आया था।
हम सभी को पता हैं कि पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया पूर्ण चंद्रमा पर पड़ती है। वैसे भारत में ज्यादातर जगहों पर लोग आंशिक चंद्र ग्रहण ही देख पाए।क्योंकि देश भर में चंद्रमा के उगने का समय कुल ग्रहण के दौरान या उसके बाद ही था। जानकारी के मुताबिक खगोल प्रेमियों ने आकाश में इस अनोखे नजारे को देखने के लिए कई शहरों में दूरबीन लगाए थे।
दिल्ली में चंद्र ग्रहण के समय हवा में धुंध थी। इससे लोग चंद्रोदय के समय ग्रहण नहीं देख सके। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में देर शाम धुंधला चंद्र ग्रहण ही दिख पाया।  ग्रहण दोपहर दो बज कर 39 मिनट पर शुरू हुआ और पूर्ण ग्रहण का चरण दोपहर बाद 3.46 बजे शुरू हुआ। चेन्नई, बंगलुरु और मुंबई जैसे अन्य शहरों में लोग ग्रहण के आंशिक चरण को ही देख सके।
गुवाहाटी तारामंडल के मुताबिक असम में चंद्रोदय का समय ग्रहण की शुरुआत के बाद का समय था, इसलिए इसका प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई दे रहा था। यों  चंद्र ग्रहण दोपहर 2.39 बजे शुरू हुआ, लेकिन गुवाहाटी में चंद्रोदय शाम 4.34 बजे हुआ था। इसलिए ग्रहण उसके बाद ही यहां दिखा। कई तारामंडलों और शोध संस्थानों में इस दौरान दूरबीन लगाए गए थे। अब अगला चंद्र ग्रहण अगले साल 28 अक्तूबर को लगेगा। यह भारत में दिखाई देगा। वैसे यह आंशिक ग्रहण ही होगा। (मीडिया में आए समाचार की पुनर्प्रस्तुति)

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