अश्रुत पूर्वा संवाद II
नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि बाल साहित्य भविष्य के रचनाकार तैयार करता है। इसकी भूमिका अन्य साहित्य से अधिक अहम है। बाल साहित्य के प्रति संकीर्ण दृष्टि की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि बाल साहित्य के प्रति हमें गंभीर होना होगा। वे अकादेमी की ओर से हर साल दिए जाने वाले बाल साहित्य पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे।
समारोह का आयोजन दिल्ली के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी सभागार में किया गया। सभी पुरस्कार साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने प्रदान किए। पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि प्रखात अंग्रेजी लेखक हरीश त्रिवेदी थे।
इस अवसर पर साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कहा कि बाल साहित्य हमारी सभ्यता का मुख्य आधार रहा है। इस सभ्यता को इसकी आवश्यकता है। बच्चों को सजग भावी नागरिक बनाने के लिए बाल पुस्तकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसे हमें गंभीरता से लेना चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि हरीश त्रिवेदी ने कहा कि पहले परिवारों में दादी-नानी कहानी सुनाने की परंपरा निभाती थीं। अब एकल परिवार होने से यह परंपरा खत्म हो गई। इसलिए बाल पुस्तकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो गई है। कार्यक्रम का समापन वक्तव्य साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने दिया। समारोह में 2023 के बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान किए गए।