कविता काव्य कौमुदी

वो शक्ति थी

अभिषेक कुमार II

वो शक्ति थी ,
(या ) सौंदर्य थी,
सहज थी,
(या ) सरल थी,
संपन्न थी,
(या) संपूर्ण थी ।।

मैं साक्ष्य था,
मैं स्तब्ध था ।
मैं सुदृढ़ था,
पर स्वंत्रत था,
मैं संशय में था ।।

संयोग हुआ ,
संपर्क हुआ (आंखों का),
संज्ञान हुआ (दोनो को एहसास हुआ),
वो सवाल थी,
मैं समाधान था।
वो सक्षम थी,
मैं समर्थ था।
वो सारगर्भित थी,
मैं, उसी का, सारांश था।।

About the author

अभिषेक कुमार

Abhishek Kumar, A Software Developer, Sport's enthusiast, Astrology Researcher, who occasionally writes.

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