अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। प्रख्यात कवयित्री अमृता प्रीतम की हिंदी से अंग्रेजी में अनुदित कुछ प्रमुख रचनाओं के एक संग्रह का विमोचन अगले महीने होगा। इन रचनाओं को लेखिका व जीवनीकार ज्योति सभरवाल ने संग्रहित किया है। स्टेलर प्रकाशन अमृता की 16 वीं पुण्यतिथि पर ‘द नाइन्थ फ्लावर : बेस्ट आफ अमृता प्रीतम’ पुस्तक के रूप में ले कर आ रहा है।
इस संग्रह में अमृता की कुछ अप्रकाशित रचनाएं भी हैं, जो उन्होंने 2004 के मध्य में ज्योति सभरवाल को दी थीं।
सभरवाल ने उस दिन को याद करते हुए कहा, ‘कमजोर और बीमार होने के बावजूद वह कुछ करने के लिए उत्सुक थीं। मैंने बिस्तर पर उनकी एक ओर पुस्तकों का ढेर लगा देखा। उन्होंने उन पुस्तकों को मेरी ओर ढकेल दिया और अपनी चिर परिचित मुस्कान के साथ कहा, ‘मेरी रचनाओं को आगे ले जाओ। तुम्हारे लिए मैंने जो रचनाएं चुनी हैं, उनका अनुवाद करो। इसे मेरे जीते जी पूरा करने की कोशिश करो…।’
(स्रोत : एजंसी)
अपने सबसे प्रिय साथी इमरोज के लिए लिखी
अमृता की चर्चित पंक्तियां यहां प्रस्तुत है-
मैं तैनू फिर मिलांगी
कित्थे? किस तरह पता नहीं,
शायद तेरे ताखियल दी चिंगारी बन के
तेरे केनवास ते उतरांगी
जा खोरे तेरे केनवास दे उत्ते
इक रहस्मयी सकीर बण के
खामोश तैनू तक्दी रवांगी।
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