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लेखिकाओं के लिए नया साहित्यिक पुरस्कार

फोटो : गूगल से साभार

शी द पीपल की संस्थापक शैली चोपड़ा ने कहा कि महिलाओं के लेखन को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने और उनकी लिखी कहानियों को महसूस करने की जरूरत है।
लेखिका और पुरस्कार की संरक्षक शाइनी एंटनी ने कहा कि हमारे बीच अपनी असाधारण साहित्यिक प्रतिभा से चकित कर देने वाली महिला लेखकों को सम्मान देने के लिए यह पुरस्कार है।

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भारतीय लेखिकाओं के लिए साहित्यिक पुरस्कार की घोषणा की गई है। 29 अक्तूबर को घोषित किए गए इस नए साहित्यिक पुरस्कार का उद्देश्य महिला लेखकों के महत्व को रेखांकित करना है। इसके साथ ही पुरुषों तथा स्त्रियों के लेखन कार्य में पुरस्कार से जुड़े अंतर को पाटना है।
 राजधानी स्थित महिला मंच ‘शी द पीपुल’ की ओर से स्थापित, अंग्रेजी या क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी एकल लेखिकाओं के लिए यह पुरस्कार है। इसके तहत उपन्यास और लघु कहानी संग्रह से संबंधित महिला लेखक पुरस्कार के लिए पात्र होंगी।

शी द पीपल से साभार

आयोजकों ने कहा कि पुरस्कार से संबंधित लेखन कार्य भारत में रहने वाली महिला लेखकों का होना चाहिए। इसके लिए जमा की जाने वाली पुस्तकें एक अगस्त 2020 से एक अक्टूबर 2021 के बीच प्रकाशित होनी चाहिए।

इसके तहत 50 हजार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। अनुवादित रचनाओं के मामले में पुरस्कार राशि लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से साझा की जाएगी। प्रवष्टि जमा करने की समय सीमा 25 नवंबर है।

आयोजकों ने कहा कि इस पुरस्कार का उद्देश्य महिला लेखकों के महत्व को बढ़ावा देना है। वहीं पुरुषों तथा स्त्रियों के लेखन कार्य में पुरस्कार से जुड़े फर्क को खत्म करना है। पुरस्कार एक मार्च 2022 को वितरित किए जाएंगे।

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