अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी राजस्थान की ओर से जवाहर बाल साहित्य महोत्सव मनाया गया। अकादमी नेसम्मान व पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन किया। अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, मुख्य अतिथि रमेश बोराणा, उपाध्यक्ष राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण, बाल साहित्यकार रमेश तैलंग और वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम रंगायन सभागार जवाहर कला केंद्र जयपुर में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का आरंभ राजस्थान नेत्रहीन उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों की सुरीली आवाज से हुआ। इस अवसर पर दिव्य दृष्टि बालिका फाल्गुनी, डिंपल, चंचल, आकांक्षा, अदिति और ईशा ने देशभक्ति के तरानों के साथ राजस्थानी लोक गीत, भजन और कविताएं पेश की। इनका तबले पर बालक नीरज ने साथ दिया। हारमोनियम पर साथ दिया आईसी श्रीवास्तव ने।
अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि देशभर में बाल साहित्य को समर्पित यह पहली अकादमी है। बाल साहित्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए अकादमी प्रयास कर रही है। मुख्य अतिथि रमेश बोराणा ने कहा कि राजस्थान की बाल साहित्य अकादमी नेहरू के विचारों को साकार करने में जुटी है। अकादमी ने अल्प समय में अपनी पहचान बनाई है। हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डा. दुलाराम सारण ने कहा कि आज यह अकादमी जिन मानदंडों को निर्धारित करेगी वे आने समय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होंगे। फारूक आफरीदी ने कहा अकादमी लगातार आगे बढ़ रही है।
इस अवसर पर वयोवृद्ध साहित्यकार 85 वर्षीया माधुरी शास्त्री को बाल साहित्य मनीषी की उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ. संजीव कुमारी को जवाहर बाल साहित्य सृजन एवं प्रेरणा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अकादमी ने 11 साहित्यकारों को बाल साहित्य से जुड़ी चयनित पुस्तकों के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमें गोविन्द भारद्वाज, आशा शर्मा, डॉ. सतीश कुमार, एस. भाग्यम शर्मा, सुनील गज्जाणी, रघुराज कर्मयोगी, मोईनुद्दीन कोहरी ‘नाचीज’, डॉ. संदेश त्यागी, जय सिंह आशावत, उषा सोमानी, दीनदयाल शर्मा के नाम शामिल हैं।
सभी पुरस्कृत लेखकों को 11 हजार रुपए नकद, शाल, प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न भेंट किए गए। कार्यक्रम में उषा सोमानी की ‘फूलने का जादू’, जेबा रशीद की ‘मेरी साथी बाल कहानियां’ समेत 60 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। अकादमी ने सभी 60 लेखकों को इस मौके पर विशेष रूप से सम्मानित किया। अकादमी ने वे पुस्तकें छापी हैं जिनकी पांडुलिपियां अकादमी को मिली भेजी थीं। कार्यक्रम का संचालन अकादमी के सचिव राजेंद्र मोहन शर्मा ने किया। समारोह में देशभर के लगभग चार सौ बाल साहित्यकारों ने हिस्सा लिया।
जवाहर बाल साहित्य महोत्सव के आखिरी दिन जवाहर कला केंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। इस मौके परा जैसलमेर के लंगा-मांगणियार बच्चों की गायन प्रस्तुति दी। बाल साहित्य पर विमर्श सत्र का आयोजन भी हुआ। (यह समाचार विज्ञप्ति पर आधारित)
कार्यक्रम में उषा सोमानी की ‘फूलने का जादू’, जेबा रशीद की ‘मेरी साथी बाल कहानियां’ समेत 60 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। अकादमी ने सभी 60 लेखकों को इस मौके पर विशेष रूप से सम्मानित किया। अकादमी ने वे पुस्तकें छापी हैं जिनकी पांडुलिपियां अकादमी को मिली भेजी थीं।