अश्रुत तत्क्षण

प्रख्यात मलयालम लेखिका सारा थॉमस नहीं रहीं

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। तिरुवनंतपुरम से दुखद खबर आई है। प्रख्यात लेखिका सारा थॉमस नहीं रहीं। वे उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थीं। इकत्तीस मार्च  को उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे  88 वर्ष की थीं। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
सारा थॉमस को दो बार केरल साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पहली बार उनके उपन्यास ‘नर्मदी पुडवा’ के लिए 1979 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वहीं, दूसरी बार, 2010 में उन्हें मलयालम साहित्य में योगदान के लिए अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था।
सारा थॉमस की चार किताबों पर मलयालम में फीचर फिल्में बन चुकी हैं। उनके एक और उपन्यास ‘मुरीपदुकल’ पर ‘मणिमुझक्कम’ नाम की फिल्म बनाई गई थी, जिसने कई राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीते थे। लेखिका सारा की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया। उनका अंतिम संस्कार पत्तूर मारतिमा चर्च सीमेट्री में किया गया। (मीडिया में आए समाचार पर आधारित)

सारा थॉमस को दो बार केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पहली बार उनके उपन्यास ‘नर्मदी पुडवा’ के लिए 1979 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वहीं, दूसरी बार, 2010 में उन्हें मलयालम साहित्य में योगदान के लिए अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था।

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