अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। श्रीरामचरितमानस कासरल हिंदी काव्यानुवाद तैयार है। जल्द ही श्रद्धालु पाठक इसे पढ़ सकेंगे। खबरों के मुताबिक ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती गोस्वामी तुलसीदास की इस अमूल्य कृति के हिंदी काव्यानुवाद का विमोचन करेंगे। पुस्तक के अनुवादक डॉ धीरज भटनागर ने यह जानकारी दी। भटनागर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव और भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। भटनागर का कहना है कि श्रीरामचरितमानस का हिंदी भाषा में यह सर्वप्रथम काव्यानुवाद है।
उन्होंने कहा, गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस के रूप में रामकथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मध्यकाल में उत्तर भारत की जनमानस की भाषा अवधी को चुना, लेकिन आज जनमानस की भाषा खड़ी बोली हिंदी है। भटनागर ने बताया कि श्रीरामचरितमानस के संदेशको घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से उन्होंने इसका हिंदी में अनुवाद करने का प्रयास किया है। इसमें आम भाषा का उपयोग करने का प्रयास किया है और हिंदी के अधिक से अधिक शब्दों का उपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि सुंदरकांड का अनुवाद संगीत रूप में भी किया गया है जिसमें अभिनेता-हास्य कलाकारा कपिल शर्मा समेत दस गायक-गायिकाओं ने अपनी आवाज दी है। काव्यानुवाद के सुंदरकांड को सोशल मीडिया और यूट्यूब पर आडियो रूप में भी जारी किया जा रहा है। उनके मुताबिक इस ग्रंथ के हिंदी भाषा में काव्यानुवाद का विमोचन चार अप्रैल को यहां सिरीफोर्ट आॅडिटोरियम में ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज करेंगे।
भटनागर के मुताबिकयह पुस्तक बुकस्पेस पर उपलब्ध होगी। बता दें कि यह देश का पहला स्वदेशी मंच है जहां किताबों को खरीदने के साथ-साथ उन पर चर्चा भी का जा सकती है। (प्रस्तुति मीडिया में आए समाचार पर आधारित)
लेखक और अनुवादक के मुताबिक श्रीरामचरितमानस के संदेश को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से उन्होंने इसका हिंदी में अनुवाद करने का प्रयास किया है। इसमें आम भाषा का उपयोग किया गया है। इसके लिए इसमें हिंदी के अधिक से अधिक शब्दों का प्रयोग किया गया है।