अश्रुतपूर्वा II
नई दिल्ली। लेखकों के लिए एक अच्छी खबर। गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी और हिंदी भाषा के चार नवोदित लेखकों को उत्तराखंड सरकार हर साल सम्मानित करेगी। यह घोषणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है। उन्होंने 2014 के बाद पहली बार उत्तराखंड भाषा संस्थान की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने साल 2023-24 से राज्य सरकार की ओर से पहली बार लोक भाषाओं व कुमाऊंनी, गढ़वाली सहित प्रदेश की बोलियों व उपबोलियों, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए हर साल उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान देने की भी घोषणा की। यह लोक भाषाओं और लोक बोलियों में काम कर रहे लेखकों के लिए बड़ी खबर है।
धामी ने कहा कि अगले महीने मई में समारोह आयोजित कर साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पैसे की कमी के कारण अपनी किताबें प्रकाशित न करवा पाने वाले प्रदेश के रचनाकारों को उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में आंशिक अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी दे दी। लोक भाषाओं एवं बोलियों को अपनी पहचान और गौरव बताते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आयोजित करने का भीनिर्देश दिया है। (मीडिया में आए समाचार के आधार पर )
उत्तराखंड सरकार की ओर से पहली बार लोक भाषाओं व कुमाऊंनी, गढ़वाली सहित प्रदेश की बोलियों व उपबोलियों, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए हर साल उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान देने की भी घोषणा की। यह लोक भाषाओं और लोक बोलियों में काम कर रहे लेखकों के लिए बड़ी खबर है।