अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। पिछले दिनों भोपाल में साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद ने साहित्यकारों को सम्मानित किया। एक भव्य समारोह में कृति पुरस्कार के तहत 13 अखिल भारतीय पुरस्कार और 15 प्रादेशिक पुरस्कार दिए गए। इसके साथ ही अकादमी की ओर से मध्य प्रदेश की छवि निमाड़ी के कृति पुरस्कार दिए गए। साल 2018, 2019, 2020 और 2021 के कृति पुरस्कार और मध्य प्रदेश की छह बोलियों के कृति पुरस्कार (2020 और 2021) से पुररस्कृत विद्वानों को सम्मानित किया गया। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को सम्मानित किया गया। इस तरह पिछले चार बरसों के पुरस्कार वितरित किए गए।
रवींद्र भवन में आयोजित समारोह में 52 साहित्यकारों को अखिल भारतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। जबकि 60 साहित्यकारों को प्रादेशिक पुरस्कार दिए गए। पुरस्कृत साहित्यकारों में कुल 83 लाख 66 हजार रुपए की राशि वितरित की गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर थीं। इस मौके पर प्रमुख संस्कृति सचिव शेखर शुक्ल और साहित्य अकादेमी के निदेशक विकास दवे भी उपस्थित थे। दवे ने कहा कि यह पुरस्कार प्रदान करते हुए संस्कृति परिषद स्वयं सम्मानित हो रही है। इस मौके पर प्रतिष्ठित अभिनेता आशुतोष राणा भी उपस्थित थे।
इस मौके पर मालवी बोली के लिए संत पीपा पुरस्कार उज्जैन के शिव चौरसिया को दिया गया। बघेली के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव पुरस्कार शहडोल के रामसखी नामदेव को दिया गया। बुंदेली के लिए छत्रसाल पुरस्कार डा. मीनू पांडेय को मिला। भीली बोली के लिए भील पुरस्कार डॉ. गजेंद्र आर्य को प्रदान किया गया। संत पीपा पुरस्कार माया मालवेंद्र को मिला। बघेली के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव पुरस्कार अरुण कुमार पयासी को प्रदान किया गया। जबकि राजीव नामदेव को छत्रसाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद ने 52 साहित्यकारों को अखिल भारतीय जबकि 60 साहित्यकारों को प्रादेशिक पुरस्कार दिए।