अश्रुत पूर्वा II
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में अलग-अलग विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, काबोर्हाइड्रेट्स और फाइबर आदि की आवश्यकता होती हैं। शरीर के लिए ज्यादातर आवश्यक तत्वों का पोषण आहार पदार्थो से हो जाता हैं। मगर एक विटामिन ऐसा है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है लेकिन आहार तत्वों में वह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने से ज्यादातर भारतीय लोगो में इस विटामिन की कमी पाई जाती हैं। इस विटामिन का नाम हैं-विटामिन बी-12
विटामिन बी-12 को कोबालमीन भी कहा जाता हैं। यह एकलौता ऐसा विटामिन है जिसमें कोबाल्ट धातु पाया जाता हैं। यह शरीर के स्वास्थ्य और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक विटामिन है।
विटामिन बी-12 की कमी के कुछ लक्षण हैं। जैसे-कमजोरी, जल्दी थक जाना,आलस, खून की कमी, कमजोर पाचन शक्ति, सरदर्द, भूख कम लगना, हाथ-पैर में झुनझुनी होना, कान में आवाज आना/घंटी बजना, त्वचा में पीलापन, धड़कन तेज होना, मुंह में छाले आना, याददाश्त कम होना, आंखों में कमजोरी, अवसाद, चिड़चिड़ापन, भ्रम, अनियमित मासिक, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता।
विटामिन बी-12 की कमी को पूरा कैसे करें?
पालक में विटामिन बी-12 पर्याप्त होता है। पालक के साथ-साथ चुकंदर और मशरूम में भी अच्छी मात्रा में विटामिन बी-12 होता है। शरीर में विटामिन बी-12 की कमी पूरी करने के लिए शेलफिश मछली, टूना मछली, सालमन मछली, बादाम का दूध, दही, चीज, अंडे आदि जैसी चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए।
इसी तरह शरीर में विटामिन डी की कमी से कई बीमारियां आपको घेर सकती हैं। हड्डियों के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए भी विटामिन डी जरूरी है। विटामिन डी फैट में घुलनशील विटामिन है जो भोजन में मौजूद होता है या शरीर के अंदर उत्पन्न होता है। धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है।
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपको इसके कुछ खास लक्षण नजर आएंगे। जैसे वजन बढ़ना, थकान, मूड पर असर, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, बाल झड़ना, दिल से संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ना, हड्डी में दर्द और कमजोर होकर टूटना, हड्डियों के रोग आॅस्टियोमलेशिया और आॅस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज होना, इम्यूनिटी कमजोर होना, सूजन और संक्रामक संबंधी रोग, कैंसर का खतरा होना आदि। (स्रोत : हील इनिसियेटिव)