स्वास्थ्य

प्राथमिकता हो महिलाओं का स्वास्थ्य

ए.के. अरुण, एम.डी. II

नई दिल्ली। अच्छा स्वास्थ्य एक ऐसी व्यक्तिगत अनुभूति है जिसमें महिला अपने आप को सक्रिय, सृजनशील, समझदार तथा योग्य महसूस करती है। इससे उसके शरीर के जख्मों को भरने की क्षमता बरकरार रहती है, वहीं उनकी विभिन्न क्षमताओं व योग्यताओं को यथा-योग्य सम्मान मिलता है, जिसमें वह चयन करने का अधिकार रखती है। निर्भीक रूप से अपने आप को अभिव्यक्त कर सकती है। वह जहां चाहे वहां आ-जा सकती है।
हालांकि पुरुषों के स्वास्थ्य पर भी इन कारकों का प्रभाव पड़ता है, फिर भी महिलाओं के साथ भिन्न व्यवहार किया जाता है। महिलाओं में असीम शक्ति होती है लेकिन पुरुष उन्हें दबा कर रखता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास संसाधनों की कमी होती है। परिवार व समुदाय में उनका स्तर अपेक्षाकृत निम्न होता है।
इस असमानता के कारण पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं गरीबी से प्रभावित होती हैं। पुरुषों की तुलना में, महिलाओं को शिक्षा से तथा अपने पैरों पर खड़ा हो सकने की दक्षता से वंचित रखा जाता है। पुरुषों की तुलना में, महिलाएं मानसिक व भावनात्मक समस्याओं से अधिक पीड़ित हो जाती हैं।
पुरुषों की तुलना में, काफी कम महिलाओं तक स्वास्थ्य जानकारी व सेवाओं की पहुंच होती है। पुरुषों के मुकाबले, ऐसी महिलाओं की संख्या काफी अधिक है जिनका अपने स्वास्थ्य संबंधित मूलभूत व जीवन के अन्य निर्णय लेने पर कोई नियंत्रण नहीं है। घरेलू अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को कोई मान्यता या अहमियत नहीं दी जाती है। इस योगदान से घरेलू कार्य, बच्चों की देखभाल तथा खेतों में की जाने वाली मेहनत जैसे ऐसे कार्य सम्मिलित हैं जिसमें बहुत समय लगता है।
हमें महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार मूल कारणों को समझने की जरूरत है। महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारने के लिए उनकी समस्याओं का उपचार तो आवश्यक है ही, इसके साथ-साथ उनकी जीवन परिस्थितियों में भी परिवर्तन लाना जरूरी है ताकि उन्हें अपने स्वस्थ्य व जीवन पर अधिक नियंत्रण व शक्ति मिल सके।
एक स्वस्थ्य व प्रसन्न महिला अपने सामर्थ्य से घर से लेकर समाज को भी संपूर्ण बनाती है। उसके बच्चे अधिक स्वस्थ होंगे। वह अपने परिवार की बेहतर देखभाल करती है। इस प्रकार अपने समाज के प्रति अधिक योगदान कर सकेगी। अत: किसी महिला के स्वास्थ्य की समस्या केवल उसकी समस्या नहीं होती है। महिलाओं का स्वास्थ्य एक सामाजिक व सामुदायिक मुद्दा है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा और उनके साथ सहयोग का संकल्प लें।

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