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प्रसिद्ध व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा को मिला मनुज साहित्य सम्मान

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। प्रसिद्ध व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा को मनुज साहित्य सम्मान 23 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें ओपी शर्मा चेरिटेबल ट्रस्ट चुरु की ओर से प्रदान किया गया। कार्यक्रम में सम्मान ग्रहण करने के बाद बुलाकी शर्मा ने कहा कि साहित्य आज भी रुचि से पढ़ा और रचा जाता है। उन्होंने कहा कि ओपी शर्मा चेरिचेबल जैसी संस्थाएं बिना आवेदन किए साहित्यकारों को सम्मानित करती हैं जिससे सिद्ध होता है कि समाज साहित्य की कद्र करता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हेमंत कृष्ण मिश्र ने कहा कि साहित्य से समाज में संस्कार बढ़ता है। बुलाकी शर्मा अपने सृजन से निरंतर यह कार्य कर रहे हैं। जबकि अनंत राम सोनी ने कहा कि साहित्यकार हमारे श्रेष्ठ नागरिक होते हैं। श्री सोनी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस मौके पर राजेंद्र शर्मा मुसाफिर ने कहा कि बुलाकी शर्मा पिछले चार दशक से राजस्थानी और हिंदी दोनों भाषाओं में साहित्य की अलग-अलग विधाओं में सृजन कर रहे हैं। वे नियमित रूप से स्तंभ भी लिखते हैं। लेखकीय वक्तव्य नें बुलाकी शर्मा ने कहा कि साहित्यकार का कोई प्रतिस्पर्धी नहीं होता। उसकी स्पर्धा स्वयं से होती है। यही कारण है कि वह उत्कृष्ट साहित्य रच पाता है। लिहाजा निरंतर सृजन करना और उसका स्वयं मूल्यांकन करना उसका धर्म होना चाहिए।
इस अवसर पर लेखिका स्नेहलता शर्मा के उपन्यास ‘दो दूनी चार’ का लोकार्पण किया गया। सुरेंद्र शर्मा ने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में रितेश प्रजापत ने सरस्वती वंदना की। उन्होंने बांसुरी वादन भी प्रस्तुत किया। मंच का संचालन सरोज हरित ने किया।  

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