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नार्वे के लेखक जॉन फॉसे को साहित्य का नोबेल

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। नार्वे के लेखक जॉन फॉसे को साहित्य का नोबेल मिलेगा। यह पुरस्कार पाने वाले वे नार्वे के चौथे लेखक हैं। उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके अभिनव नाटकों और गद्य के लिए दिए जाने की घोषणा हुई है। वे अपनी लेखनी से उन शब्दों को पिरोते हैं जिन्हें लिखना किसी लेखक के लिए मुश्किल होता है।
नोबेल साहित्य समिति के अध्यक्ष का कहना है कि जॉन के नाटक और गद्य साहित्य कुछ कहना चाहते हैं। यह एक अनकही आवाज है। कुछ ऐसा है जो पहले कभी कहा नहीं गया।
साहित्य समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जॉन फॉसे अनकही को आवाज देते हैं अपने लेखन से। सबसे बड़ी बात कि उनका कार्य उनकी स्थानीय भाषा में है। दूसरी ओर 64 साल के लेखक ने कहा कि मुझे इस पुरस्कार के बारे में जान कर हैरानी हुई। मगर मैं तैयार था कि ऐसा हो सकता है। बता दें कि नार्वे के इस साहित्यकार ने चालीस नाटकों के अलावा कविताएं, निबंध, उपन्यास, लघु कथाएं और बच्चों के लिए किताबें भी लिखी हैं।  
जॉन फॉसे के कुछ नाटक बेहद चर्चित हुए थे। इनमें नाइट सांग्स, डेथ वेरिएशंस और समवन इज गोइंग टू कम शमिल है। इसके अलावा उनका एक उपन्यास क्लोज्ड गिटार भी खासा चर्चित हुआ।  

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