स्वास्थ्य

किसी औषधि से कम नहीं है हल्दी

अश्रुत पूर्वा II

नई दिल्ली। पिछले दिनों भारत सरकार ने हल्दी और उससे जुड़े उत्पादों के विकास के लिए राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनाने की मंजूरी दी है। इस खबर ने सभी का ध्यान खींचा कि आखिर इस बोर्ड की क्या जरूरत थी। मगर गौर से देखिए तो पाएंगे कि हल्दी में जहां चिकित्सीय गुणों की भरमार हैं। वहीं उसके निर्यात की भी बहुत संभावनाएं हैं। कम ही लोगों को मालूम होगा कि हल्दी के वैश्कि कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 62 फीसद से अधिक है।
अब बात हल्दी के गुणों की। अंग्रेजी में ‘टर्मरिक’ नाम से जाना जाने वाला यह वनस्पति एक ऐसा मसाला है कि जिसके बिना गृहणियों की रसोई अधूरी है। इसके पौधों की जड़ की गांठों में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारी औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसे हल्दी के अलावा हरिद्रा, कुरकुमा, लौंगा, गौरी वट्ट विलासनी, कुमकुम और टर्मरिक नाम दिए गए हैं।
अब जानिए हल्दी के क्या हैं फायदे। हल्दी में अनेक औषधीय गुण हैं। जिनमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीआक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय को स्वस्थ रखने वाला गुण), हेपटोप्रोटेक्टिव (लिवर स्वस्थ रखने वाला गुण) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (गुर्दे को स्वस्थ रखने वाला गुण) गुण मुख्य हैं।
हल्दी को कई तरह के उपचार में शामिल किया जाता है। जैसे चोट लगने पर घाव भरने में मदद मिलती है। अगर आपको छोटी-मोटी चोट लग गई है तो उस जगह पर तुरंत हल्दी लगा लें। यह हाथ-पैरों का दर्द मिटा देती है। रक्त शोधन में भी हल्दी काम आती है। यह हड्डियां मजबूत करती है। हल्दी कैंसर से बचाने में मदद करती है। भोजन बनाते समय इसके इस्तेमाल से पाचन ठीक रहता है। लिवर स्वस्थ रहता है। अर्थराइटिस-ज्वाइंट्स पेन में भी हल्दी के इस्तेमाल से राहत मिलती है। (स्रोत : हील)

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