अश्रुत पूर्वा II
नई दिल्ली। स्टाकहोम से नोबेल पुरस्कारों पर एक और बड़ी खबर। इस बार अर्थशास्त्र का नोबेल हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर क्लाडिया गोल्डिन को देने की घोषणा की गई है। उन्हें यह पुरस्कार श्रम बाजार में स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव संबंधी समझ को बेहतर बनाने के लिए दिया जा रहा है। पिछले दिनों रायल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने यह जानकारी दी। अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार पाने वालीं वे तीसरी महिला हैं।
पुरस्कार के लिए चयन करने वाली समिति के अध्यक्ष जैकब स्वैसन ने कहा कि कि श्रम बाजार में महिलाओं की भूमिका को समझना समाज के लिए जरूरी है। क्लाडिया के इस पर शानदार शोध के लिए धन्यवाद। वहीं पुरस्कार समिति के एक सदस्य रैंडी एच ने कहा कि गोल्डिन समाधान नहीं पेश करती हैं मगर उनका शोध नीति निर्माताओं को समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।
रैंडी एच ने कहा कि प्रोफेसर क्लाडिया श्रम बाजार में लैंगिक भेदभाव की जड़ की ओर ध्यान दिलाती हैं। और यह भी कि समय के साथ विकास क्रम में इसमें किस प्रकार का बदलाव आया। लिहाजा कोई एक नीति इसके लिए पर्याप्त नहीं है। ( मीडिया की खबरों पर आधारित)
क्लाडिया ने श्रम बाजार में लैंगिक भेदभाव की जड़ की ओर ध्यान दिलाया है।