स्वास्थ्य

लोगों के जीवन में क्यों बढ़ रहा है तनाव

अश्रुत पूर्वा II

पूरी दुनिया अब शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर दे रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, मानसिक स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहता है कि यह सलामती की एक स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास रहता है। वह जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य का संबंध व्यक्ति के भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण से है। यह अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है।
मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्त्वपूर्ण है। यह सबसे बड़ी दौलत में से एक है जिसे हर कीमत पर बचाने की आवश्यकता है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य ही एकमात्र ऐसी संपत्ति है जिसकी जरूरत व्यक्ति को खुद को स्वस्थ रखने के लिए होती है।

क्या है मानसिक रोग
हर किसी को मानसिक रोग के बारे में अवश्य जानना चाहिए। दरअसल, जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता और  उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। सच तो यह है कि मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता। उसे रोजमर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है। मानिसक रोग कई प्रकार के होते हैं। अवसाद, तनाव, चिड़चिड़ापन और गुस्सा ये सभी इसी में शामिल हैं।

क्यों बढ़ रहा है जीवन में तनाव
पूरी दुनिया में युद्ध, बदलती जीवन शैली, टूटते परिवार और रिश्तों में बिखराव तथा उपेक्षा से लोग निराश हो रहे हैं। जीवन की कुछ परिस्थितियां भी तनाव की ओर धकेल रही है। तेजी से बदलते माहौल में हमारे तन और मन पर जो असर पड़ता है, उसे ही तनाव कहा जाता है। इसके अलावा आर्थिक तंगी और काम का बोझ भी तनाव बढ़ा रहे हैं।

क्या है तनाव के लक्षण
तनाव के लक्षणों को आप महसूस कर सकते हैं। इसे देखते हुए किसी तनावग्रस्त मनुष्य की आप मदद कर सकते हैं। कुछ लक्षण हम आपको यहां बता रहे हैं। सिरदर्द व पीठदर्द होना भी एक लक्षण है। नींद न आना। गुस्सा आना और हताश होना भी तनाव का लक्षण है। किसी एक चीज पर ध्यान न लगा पाना, कभी-कभी  रोना और दूसरों को नजरअंदाज करना, ये संकेत है कि आप कहीं न कहीं तनाव में हैं।

छोड़ देनी चाहिए कुछ आदतें
देर तक सोना ठीक नहीं। इससे तनाव की शुरुआत सुबह से शुरू हो सकती है। अगर आप रोज देर से सोकर उठते हैं तो इस पर आपको ध्यान देना होगा। देर से उठने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है। इससे  थकान होती है। उदासीनता अधिक सताती है। शोध में भी यह माना गया है कि देर से उठने वाले लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं जिससे उनका बॉडी साइकिल गड़बड़ होता है। इस तरह  और वे जल्द तनावग्रस्त होते हैं। घंटों टीवी देखना आपको तनाव और अवसाद की स्थिति तक पहुंचाने के लिए काफी है। अगर आप अपना समय परिवार के साथ बिताएंगे या सैर करेंगे तो तनाव से कोसों दूर रहेंगे। धूम्रपान भी आपका तनाव बढ़ाता है। धूम्रपान से धड़कन तेज हो जाती है जिससे तनाव बढ़ता है।

कैसे निपटें आप तनाव से
तनाव से निपटने के लिए आपको नियमित रूप से 20 से 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करना चाहिए। जैसे टहलना, दौड़ना या उठना बैठना। इससे आपके दिमाग को सोचने का वक्त मिलेगा। मेडिटेशन कीजिए। राहत भरा संगीत सुनिए। दस-बीस मिनट तक आंखें बंद कर शांति का अनुभव कीजिए। गहरी सांस लीजिए। दिमाग को शांत रखें। तनाव भरी बातें दिमाग से निकाल दें। अखबार पढ़िए या दोस्तों से बात कीजिए। अपनी भावनाओं को कागज पर लिखने से या किसी से बात करने पर आप जान पाएंगे कि आपके तनाव की वजह क्या है। (स्रोत : हील)

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