अश्रुत तत्क्षण

सांत्वना श्रीकांत की पुस्तक का लोकार्पण

अश्रुत पूर्वा संवाद II

नई दिल्ली। कवयित्री और लेखिका डॉ. सांत्वना श्रीकांत की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘भारतीय नारी : स्थिति और गति’ का लोकार्पण किया गया। विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर आयोजित लोकार्पण समारोह में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे उपस्थित थे। समारोह में पंजाब सरकार में प्रधान सचिव राखी गुप्ता भंडारी मुख्य अतिथि थीं।
इस अवसर पर प्रो. मराठे ने कहा कि भारतीय दर्शन में स्त्री पुरुष सामंजस्य भाव और परिवार के भाव को परिभाषित करते हुए बताया कि देश के विकास में स्त्री और पुरुष दोनों का योगदान है। उन्होंने सांत्वना की पुस्तक को महत्त्वपूर्ण बताया। प्रो. मराठे ने कहा कि यह किताव फेमिनिज्म से फेमिलिज्म की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी।
आईएएस अधिकारी रेखा गुप्ता भंडारी ने किताब के विषयवस्तु को समदर्शी समाज के निर्माण के लिए आवश्यक बताया, जहां स्त्री और पुरुष की समान सहभागिता की सोच को बल निलेगा। उन्होंने अपने एसडीएम से डिप्टी कमिश्नर बनने की यात्रा और प्रशासन में अपने अनुभव की चर्चा करते हुए कहा कि नारी शक्ति बहुत उर्जावान है। वह हर काम को आसान बना कर संभव कर सकती है।
लोकार्पण समारोह में उपस्थित अन्य वक्ताओं प्रो नीलम राठी और प्रो. नरेंद्र मिश्र ने पुस्तक में वैदिक समाज में नारियों की मजबूत स्थिति की व्याख्या करने के लिए सराहना की। उन्होंने पुस्तक को विचारोत्तेजक बताया। अपने विषयवस्तु पर लेखिका सांत्वना श्रीकांत ने भी अपना वक्तव्य दिया। कवयित्री लिली मित्रा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन शंभुनाथ मिश्र ने किया।

About the author

ashrutpurva

error: Content is protected !!